आलसी गधे की कहानी :- बहुत समय पहले की बात है, एक व्यापारी राम अपने सामान को बाजार ले जाने के लिए अपने गधे का उपयोग करता था। गधा आलसी था और काम करने से हमेशा बचने की कोशिश करता। वह बाजार जाते समय रास्ते में रुक-रुक कर चलता और बीच में बैठ जाता। इससे राम को हर बार परेशानी होती। गधे की चालाकी और नतीजा एक दिन रास्ते में एक चमकती हुई नदी आई। गधे ने देखा कि नदी में से गुजरने से उसकी पीठ का बोझ हल्का हो जाएगा, क्योंकि नमक पानी में घुल जाएगा। उसने जानबूझकर नदी में बैठने का नाटक किया। जैसे ही गधा पानी में बैठा, उसके पीठ पर लदा नमक घुल गया और उसका बोझ हल्का हो गया। गधे की इस चालाकी से राम को बहुत गुस्सा आया। उसने सोचा कि गधे को उसकी गलती का एहसास कराया जाए। अगले दिन राम ने गधे की पीठ पर नमक की जगह कपास लाद दिया। गधे ने फिर वही चाल चली और नदी में बैठ गया। लेकिन इस बार उसका बोझ हल्का होने के बजाय और भारी हो गया, क्योंकि पानी में भीगने से कपास का वजन बढ़ गया। गधे की सीख गधा थककर चूर हो गया और उसे अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने समझ लिया कि आलस्य और चालाकी से काम करने की कोशिश कभी सफल नहीं होती। इसके बाद गधे ने मेहनत और ईमानदारी से काम करना शुरू कर दिया। कहानी से शिक्षा कहानी हमें सिखाती है कि मेहनत और ईमानदारी से काम करने में ही असली सफलता है। चालाकी और आलस्य से काम बिगड़ सकता है, लेकिन मेहनत हमेशा रंग लाती है। और पढ़ें : चालाक चिंटू ने मानी ग़लती | हिंदी कहानी चेहरे को ठंड क्यों नहीं लगती? Fun Story : मोहित का चतुराई भरा प्लान आनंदपुर का साहसी हीरो