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चोट की देखभाल- घर में कई बार गिरने से अथवा जानवरों के काटने इत्यादि से साधारण जख्म हो जाते हैं। इन के उपचार के लिये कुछ साधारण उपाय निम्न हो सकते हैं-
जख्मो को पकने से बचाने के लिये सब से आवश्यक उपचार यह है कि चोट वाले स्थान को साधारण नल के पानी से अथवा गुन गुने नमक के घोल से तुरंत धो दिया जाए।
- यदि आवश्यकता हो तो जख्म को धोने के लिये आइओडीन या किसी अन्य कीटनाशक घोल का भी प्रयोग किया जा सकता है।
- जख्म धोने के लिये घोल को सामान्य या अधिक दबाव डालना आवश्यक है। सामान्य दबाव के लिये घोल को दूध पिलाने वाली बोतल में भरा जा सकता है।
- यदि जख्म जलने के कारण हुआ है तो धोने की क्रिया तब तक जारी रखनी चाहिये जब तक जलन समाप्त न हो जाये।
- यदि कोई बाहरी वस्तु (जैसे डंक या छोटी फांस) जलन का कारण हो तो ऐसी दशा में जलन के समाप्त होने तक धोने की क्रिया जारी रखनी चाहिये।
- जख्म साफ करने से पहले हाथ साबुन से धो लेना चाहिए-यदि हो सके तो दस्तानों का प्रयोग करना चाहिए।
- जख्म धोने का काम उस व्यक्ति को स्वयं नहीं करना चाहिये जिसे चोट लगी है।
- धोने की क्रिया कम से कम 5-10 मिनट तक करनी चाहिए।
- खुले जख्म पर गर्म के स्थान पर ठंडा पानी अधिक उपयुक्त है।
- यदि जख्म से खून बह रहा हो तो पहले जख्म को साफ कर लेना चाहिये और बाद में खून रोकने का उपचार करना चाहिये।
- यदि जख्म बहुत मैला हो तो धीरे-धीरे लगे हुये मैल को साफ करना चाहिए।
- यदि कोई कांटा आदि फंसा हो तो उसे चिमटी की सहायता से निकालना चाहिए।
- आवश्यकता अनुसार जख्म पर पट्टी बाधनी चाहिए।