Fun Story: मक्खियों का छत्ता महेश और राजेन्द्र दोनों पड़ोसी थे। वे साथ ही स्कूल जाया करते और साथ ही वापस आते थे। महेश बहुत मोटा पर भोला था, जबकि राजेन्द्र पतला-दुबला और बेहद शैतान था। महेश पढ़ाई-लिखाई में राजेन्द्र से अधिक तेज़ था। By Lotpot 19 Dec 2023 in Stories Fun Stories New Update मक्खियों का छत्ता Fun Story मक्खियों का छत्ता:- महेश और राजेन्द्र दोनों पड़ोसी थे। वे साथ ही स्कूल जाया करते और साथ ही वापस आते थे। महेश बहुत मोटा पर भोला था, जबकि राजेन्द्र पतला-दुबला और बेहद शैतान था। महेश पढ़ाई-लिखाई में राजेन्द्र से अधिक तेज़ था। (Fun Stories | Stories) राजेन्द्र महेश को रास्ते में आते-जाते खूब तंग करता था। उसकी पुस्तक, कॉपियां या अन्य चीज उठा कर भाग जाता। फिर गोल मटोल महेश का राजेन्द्र के पीछे-पीछे भागते हुए बहुत बुरा हाल हो जाता था। तब राजेन्द्र उसे और तंग करता था। स्कूल में राजेन्द्र अपने दोस्तों की मण्डली जुटा लेता, और महेश के पीछे पड़ जाता- मोटी भैंस करेले की, रोटी खाये धेले की....। कई बार महेश ने शिकायत भी की, जिस पर गुरु जी ने राजेन्द्र की पिटाई भी की पर रजेन्द्र ने अपना स्वभाव नहीं बदला। (Fun Stories | Stories) महेश के घर के आंगन में एक पेड़ लगा हुआ था। उस पेड़ पर मधु मक्खियों ने शहद का छत्ता बना... महेश के घर के आंगन में एक पेड़ लगा हुआ था। उस पेड़ पर मधु मक्खियों ने शहद का छत्ता बना रखा था। महेश ने राजेन्द्र को मजा चखाने की सोची। एक शाम उसने एक धागे में बड़ा सा कंकर बाँधा और उसे बिल्कुल छते के पास लटका दिया। महेश ने धागे का दूसरा सिरा खिड़की में से अन्दर लेकर एक खूंटी से बाँध दिया। (Fun Stories | Stories) अगला दिन रविवार का था। महेश ने उस पेड़ के नीचे अपनी कीमती टोपी तथा स्कूल का बस्ता रखा दिया। खिड़की के पीछे से राजेन्द्र के आने का इंतजार करने लगा, राजेन्द्र का स्वभाव भी ऐसा बन गया था कि जब तक सुबह उठते ही महेश को चिढ़ा न ले, उसे चैन नहीं मिलता था। कुछ देर पश्चात राजेन्द्र महेश के घर के सामने आ गया, दरवाजा खुला देखकर सीधा अन्दर आंगन में आ गया। सामने महेश की टोपी देख कर मन ही मन बुद बुदाया- आज मोटू लाला फंस गये, खूब छकाऊंगा। (Fun Stories | Stories) महेश अन्दर खिड़की के पीछे से सब कुछ देख रहा था। जैसे ही राजेन्द्र ने उसकी टोपी की ओर हाथ बढ़ाया, महेश ने खूंटी से बंधी डोरी खींच दी। नतीजा यह हुआ कि धागे में बंधा कंकर सीधा छत्ते से टकराया। इससे पहले कि राजेन्द्र कुछ समझ सके... उसके आगे-पीछे मक्खियां मंडराने लगीं। राजेन्द्र घबरा कर बाहर की ओर भागा। मक्खियां भी उसके पीछे-पीछे निकल पड़ीं। अगले दिन प्रातः जब महेश राजेन्द्र को स्कूल चलने के लिए बुलाने पहुँचा तो देखकर हैरान रह गया। राजेन्द्र भी फूलकर उसकी तरह मोटा हो गया था। बिस्तर पर पड़ा था। महेश को देखते हो राजेन्द्र बिलख पड़ा- मुझे माफ कर दो। महेश अब मैं तुम्हें मोटा नहीं कहा करूंगा... मेरी आँखें खुल गईं, दोस्त। मैं क्षमा मांगता हुँ। (Fun Stories | Stories) यह कहते-कहते राजेन्द्र को आँखों में आंसू आ गये। बोला- ‘सारी रात मैं सोचता रहा महेश तुम्हें मोटा -मोटा कहकर मैंने बहुत तंग किया है, अब कहीं तुम भी..’ ‘‘नहीं-नहीं राजेन्द्र, मैं खुद तुम से माफी मांगता हूँ मुझे भी ऐसा नहीं करना चाहिए था।’’ महेश की आँखें भी ड़बड़बा आयीं थीं। (Fun Stories | Stories) ‘चलो महेश इसी खुशी में मिठाई तो खालो।..’ ‘मेरी नहीं मक्खियों की वजह से...’ महेश ने इतने भोलेपन से कहा कि राजेन्द्र और उसकी मम्मी की हंसी छूट गयी.. वे दोनों लगातार हंसते रहे और महेश उन्हें देखे जा रहा था। (Fun Stories | Stories) lotpot-e-comics | hindi-bal-kahania | bal kahani | hindi-stories | hindi-fun-stories | kids-fun-stories | fun-stories | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | hindii-baal-khaanii | baal-khaanii | chottii-hindii-khaanii | hindii-ii-konmiks यह भी पढ़ें:- Fun Story: स्मरण Fun Story: मेहनती आदमी Fun Story: जुड़वा बच्चों का तोहफा Fun Story: जादुई मटका #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Hindi Bal kahania #Kids Fun Stories #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #हिंदी ई-कॉमिक्स #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #Fun Stories #Hindi fun stories You May Also like Read the Next Article