Fun Story: झटपट अंकल

आज अंकल को मौहल्ले के तमाम लड़के घेर कर बैठे थे। कारण यह था कि आज अंकल अपने शिकारी जीवन की सबसे अनोखी दास्तान सुनाने जा रहे थे। वे हर शाम को मौहल्ले के सारे बच्चों को एकत्रित कर उन्हें आश्चर्यजनक सत्य किस्से सुनाते थे।

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झटपट अंकल

Fun Story झटपट अंकल:- आज अंकल को मौहल्ले के तमाम लड़के घेर कर बैठे थे। कारण यह था कि आज अंकल अपने शिकारी जीवन की सबसे अनोखी दास्तान सुनाने जा रहे थे। वे हर शाम को मौहल्ले के सारे बच्चों को एकत्रित कर उन्हें आश्चर्यजनक सत्य किस्से सुनाते थे। ये सारे किस्से उनके अपने बीते हुए शिकारी जीवन से सम्बन्धित होते थे। कुछ किस्से तो वे ऐसे सुनाते थे जिन पर कि विश्वास करना नामुमकिन होता था। (Fun Stories | Stories)

शायद अंकल गप्प मारते हों। पर उनके सुनाये हुए किस्से अपने आप में अनोखे होते थे। वे यही कहते थे कि उन्नीस सौ तीस, चालीस में वे अपने ज़माने के मशहूर शिकारी थे। अभी भी उनकी देह पहले की तरह ही मोटी-तगड़ी और मूंछें गबरैली थीं।
तो आज भी अंकल एक दिलचस्प किस्सा सुनाने जा रहे थे। अंकल को चुप देखकर विक्रांत बोला- ‘‘अंकल, अब सुनाइये भी, हम लोग बहुत देर से बोर हो रहे हैं।’’

बच्चों का उतावलापन अंकल से भी नहीं देखा गया, सो उन्होंने अपनी मूंछों पर हाथ फेरते हुए कहना शुरू किया- ‘‘बच्चों, बात चंबल के बीहड़ वनों की है। उन दिनों वहां पर एक भयंकर आदमखोर चीते ने अपना आतंक फैला रखा था। पहले तो वहां के अन्य शिकारियों ने उसे मारना चाहा किन्तु उल्टे वे ही उस चीते के शिकार बन गए।’’ (Fun Stories | Stories)

अंत में वहां के गांव वाले मेरी शरण में आये और अपना दुखड़ा सुनाने लगे, नरभक्षी की यह हिम्मत देखकर मेरा खून खौल उठा। इधर गांव वालों की रिक्वेस्ट भी थी।’’

‘‘सो उसी दिन मैंने चंबल के बीहड़ वनों में जाने की ठान ली। मुझे अकेला जाते देख कर कुछ नौजवान मेरी सहायता के लिए मेरे साथ चलने लगे किंतु मैंने उन सबको मना कर दिया। मेरे साथ सिर्फ मेरा एक मात्र हथियार एक कैसेट थी, जिसमें एक शेर की आवाज़ टेप थी। यह कैसेट मेरे पास कई वर्षों से था। इसी के द्वारा मैंने कई चीतों, भालुओं इत्यादि को बिना मारे ही भगा दिया। तो मैं इसे थैले में रखकर चम्बल के बीहड़ वनों की ओर चल दिया।’’ (Fun Stories | Stories)

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‘‘अभी मैं वन में कुछ ही दूर चला था कि पास की एक झाड़ी में खड़खड़ाहट की ध्वनि हुई। मैंने ज्यों ही उस तरफ देखा तो मैं भय से कांप उठा क्योंकि, वहीं झाड़ियों के पास वही आदमखोर चीता अपना मुंह फाड़े खड़ा था। उसकी लाल आंखें मेरे शरीर पर ही जमीं थीं। शायद उसे मेरी ही प्रतीक्षा थी, अभी मैं कुछ करता कि उस चीते की कड़कड़ाती आवाज मेरे कानों में पड़ी- ‘‘क्यों बे, तूने इधर आने की कोशिश कैसे की? जानता नहीं था यह मेरा इलाका है, आज तक जिसके भी कदम इधर पड़े हैं, उसके कदम फिर वापस नहीं लौटे। लगता है तुझे यहां तेरी मौत खींच लायी है। बोल चुप क्यों है?’’ (Fun Stories | Stories)

किसी जानवर को मनुष्य बोली में बोलते देखकर अगर मेरे स्थान पर कोई अन्य शिकारी होता तो...

किसी जानवर को मनुष्य बोली में बोलते देखकर अगर मेरे स्थान पर कोई अन्य शिकारी होता तो वह आश्चर्य चकित हो जाता किंतु इसके पहले भी इस तरह के कई चीतों से मेरा पाला पड़ चुका था। चीते को बोलते देखकर मुझे खुशी हुई और तुरंत ही एक आईडिया मेरे दिमाग में आ गया।

अब तक वह चीता बहुत लंबी स्पीच दे चुका था, अब मेरी बारी थी, सो मैं बोला- ‘‘क्यों बे चूहे की औलाद, तुझे तमीज़ से बात करना नहीं आता। जानता है तू अभी किससे बात कर रहा है? ले तुझे अपना शिकार बनाने से पहले मैं तुझे अपना परिचय दे देना चाहता हूं तो सुन, मैं हूं संसार का सबसे बहादुर और प्रसिद्ध शिकारी झटपट, जिसकी ख्याति आज सारे संसार में फैली हुई है। ले अब मैं तुझे भी मजा चखाता हूं। तेरे जैसे जानवर तो क्या जंगल के राजा शेर को जो कि तेरे बाप समान हैं उस तक को मैंने अपने मंत्रबल द्वारा अपने इस छोटे से झोले में कैद कर रखा है। अभी भी समय है तू यहां से भाग जा वरना तेरी हालत भी इस शेर की तरह बना दूंगा।’’ (Fun Stories | Stories)

इतना कहने पर भी वह चीता विचलित नहीं हुआ और बोला- ‘‘जा बे शिकारी के बच्चे, गप्प मारता है, दिखा तो सही कहां है जंगल के राजा शेर तेरी कैद में?’’

तब मैं बोला- ‘‘अच्छा तो अभी तक तू शेखी बघार रहा है। लातों के भूत बातों से नहीं मानते। फिर भी चल मैं तेरी अंतिम इच्छा पूरी कर देता हूं। इतना कहकर मैंने अपने झोले में हाथ डाला और कैसेट स्टार्ट कर दिया। उसमें से टेप की हुई शेर की आवाज पूरे जंगल में गूंज उठी।

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वह मेरी चालाकी नहीं समझ पाया था अब उसने सोचा कि वाकई इस थैले में शेर ही बंद है।

सो वह भय के मारे कांपने लगा। मौसम जाड़े का था पर फिर भी उसे पसीना आ गया। तुरंत मेरे पैरों में लोटता हुआ बोला- ‘‘माफ कर दो शिकारी झटपट, मुझ से बहुत बड़ी गलती हो गई है। आइन्दा मैं ऐसा नहीं करूंगा।’’ यह कहकर आंसू बहाने लगा। (Fun Stories | Stories)

यह सब देखकर मैं बहुत खुश हुआ और बोला- ‘‘मैं तुम्हें माफ कर सकता हूं किन्तु एक शर्त पर, तुम्हें यह पूरा चंबल का इलाका छोड़कर कहीं और चले जाना होगा।’’

तब वह चीता बोला- ‘‘बस इतनी-सी शर्त, मैं तो यह चंबल क्या मध्य प्रदेश, भारत, एशिया इन सबको ही छोड़ कर यूरोप पहुंच जाऊंगा। बस।’’

यह सुन कर मुझे हंसी आ गयी। तब तक वह आदमखोर भी वहां से चम्पत हो गया। अपनी इस विजय पर मैं खुशी से फूला न समा रहा था। यह विजय मेरे लिए ‘लंका विजय’ ही थी।’’ इतना कह कर झटपट अंकल ने चुप्पी साध ली। इधर बच्चे भी अपने-अपने घर चल दिये। जाते समय झटपट अंकल ने बच्चों को टाॅफियां बांटी। बच्चों के जाते ही झटपट अंकल अपनी मूंछों को उमेठते हुए अपने घर में चले गये। (Fun Stories | Stories)

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