हिंदी नैतिक कहानी: समाधान के लिये अन्दर झांको कठिन परिस्थितियों में हम सभी आम तौर पर बाहर से सहायता की अपेक्षा करते हैं। अधिकतर लोग यह नहीं जानते कि समस्या का समाधान उनके स्वंय के अन्दर ही निहित है। By Lotpot 20 Jul 2024 in Stories Moral Stories New Update समाधान के लिये अन्दर झांको Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 हिंदी नैतिक कहानी: समाधान के लिये अन्दर झांको:- कठिन परिस्थितियों में हम सभी आम तौर पर बाहर से सहायता की अपेक्षा करते हैं। अधिकतर लोग यह नहीं जानते कि समस्या का समाधान उनके स्वंय के अन्दर ही निहित है इस कहानी से यह बात स्थापित हो जायेगी। चोरों के एक गिरोह को यह सूचना मिली कि एक व्यापारी बहुमूल्य हीरा लेकर दूसरे शहर जा रहा है। गिरोह के सरदार ने उस हीरे को चुराने का संकल्प किया। व्यापारी ट्रेन से जा रहा था और चोर ने भी उसी डिब्बे में अपनी बर्थ सुरक्षित करा ली। गाड़ी में बैठते ही चोर ने व्यापारी से दोस्ती बढ़ानी चाही और उसके व्यवहार से व्यापारी को शक हो गया। दोनों को रात एक साथ सफ़र करना था और इससे बचने का कोई उपाय नहीं था सुबह हुई और दोनों अपने स्टेशन पर पहुंचने के करीब आ गये। चोर ने व्यापारी से बड़ी नम्रता से कहा, “मैं यह स्वीकार करता हूं कि मैं आपके साथ हीरा चुराने की नियत से... चोर ने व्यापारी से बड़ी नम्रता से कहा, “मैं यह स्वीकार करता हूं कि मैं आपके साथ हीरा चुराने की नियत से आया था किन्तु मैं असफल रहा। यह जीवन में मेरी पहली हार है। मैं आप को वचन देता हूं कि मैं अपना यह दुष्कर्म सदा के लिये त्याग दूंगा। केवल आप मुझे यह बता दें कि आप ने हीरा कहाँ रखा था जब आप सो रहे थे मैंने आपकी हर जेब का कोना-कोना छान डाला पर मुझे हीरा कहीं नहीं मिला जबकी मैं यह निश्चित जानता हूं कि हीरा आपके पास है?” “व्यापारी हंसा और हंस कर कहने लगा, तुम सदैव के लिये यह बुरा काम छोड़ने की प्रतिज्ञा करते हो इसलिये तुम्हारा विश्वास कर मैं यह राज तुम्हें बताता हूं कल जब तुम अपना कोट टांग कर शौचालय गये, मैंने हीरा तुम्हारे कोट की जेब में डाल दिया। तुम मेरे सोने के बाद रात भर हीरा मेरे कपड़ो में ढूंढते रहे। फिर जब तुम हार कर सो गये तो मैंने हीरा तुम्हारे कोट से निकाल लिया फिर मैं तुम्हारे उठने तक जागता रहा”। तुम असफल इसलिये हुये क्योंकि तुम हीरा बाहर ढूंढते रहे जब कि वह सारी रात तुम्हारे ही कोट की जेब में पड़ा हुआ था। हमें नहीं ज्ञात कि चोर ने अपनी प्रतिज्ञा रखी या नहीं। पर यदि आपने इस कहानी का अर्थ समझ लिया, तो जीवन में सफलता का गुण आपने सीख लिया। समाधान अपने अन्दर खोजो और आधिक संभावना यह है कि तुम्हारा प्रयास हमेशा सफल ही होगा। यह भी पढ़ें:- हिंदी नैतिक कहानी: आपस की फूट हिंदी नैतिक कहानी: आत्मविश्वास Moral Story: नासमझ चुन्नू Moral Story: कहानी मूर्खा की #Hindi Bal Kahani #Hindi Moral Story #हिंदी बाल कहानी #हिंदी नैतिक कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #Short Hindi Stories You May Also like Read the Next Article