हिंदी नैतिक कहानी: आत्मविश्वास

विजय अपने माता-पिता के साथ सुजानगढ़ में रहता था। वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। वह बहुत शरारती था। पढ़ने से वह हमेशा जी चुराता था। पढ़ाई की वजह से वह स्कूल से कई बार भाग भी जाता था।

New Update
Cartoon image of an indian kid

आत्मविश्वास

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

हिंदी नैतिक कहानी: आत्मविश्वास:- विजय अपने माता-पिता के साथ सुजानगढ़ में रहता था। वह अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। वह बहुत शरारती था। पढ़ने से वह हमेशा जी चुराता था। पढ़ाई की वजह से वह स्कूल से कई बार भाग भी जाता था। शरारत के कारण वह कभी बागों में जाकर आम तोड़ता, रास्ते में किसी का मटका फोड़ता और गली-मुहल्ले के किसी भी बच्चे को मार देता। सभी लोग उसकी शिकायत उसके माता पिता से करते। विजय के माता-पिता उसकी इन शरारतों से बहुत परेशान थे। (Moral Stories | Stories)

विजय कक्षा आठ का विद्यार्थी था। कक्षा आठ में बोर्ड की परीक्षा होने के कारण विजय ने एक योजना सोची। क्यों न मैं बीमारी का बहाना बना कर बीमार पड़ जाऊं मुझे पढ़ना भी नहीं पड़ेगा और खाने की भी मन पसंद चीज़ें मिलेंगी, बस तुरंत ही विजय ने अपने कार्य को अंजाम दिया और विजय ने बिस्तर पकड़ लिया और हाथ में ऐसे ही झूठ-मूठ ही किताब लेकर पढ़ने का ढोंग करने लगा।

Cartoon image of an indian kid

शाम को पिताजी आए, देखकर बड़े चिन्तित हुए। पहले तो उन्हें शक हुआ लेकिन जब बीमारी की हालत में भी उसे पढ़ते देखा तो उनका शक दूर हो गया और तुरंत ही डॉक्टर साहब को बुलाकर अपने साथ घर ले आए। 

डॉक्टर साहब ने विजय का पूरा चैक-अप किया और कहा, "इसे बुखार तो नहीं है"। तभी बीच में ही विजय बोल पड़ा, "मेरे पेट में बहुत दर्द है"। डॉक्टर साहब ने विजय को 5 दिन की खुराक दी और खाने में दलिया, खिचड़ी व दूध देने के लिए कहा। डॉक्टर साहब,ने कहा इस दवाई के बाद यह पूरी तरह ठीक हो जायेगा। वैसे मैं 5 दिन बाद फिर आऊंगा। (Moral Stories | Stories)

विजय की मां जब विजय के लिए खाना (दूध, दलिया, खिचड़ी) लेकर आई तो, खाने को देखकर विजय को बहुत...

विजय की मां जब विजय के लिए खाना (दूध, दलिया, खिचड़ी) लेकर आई तो, खाने को देखकर विजय को बहुत रोना आया। उसने कहा, "मां! मैं यह खाना नहीं खाऊंगा"। लेकिन मां कहां मानने वाली थी। मां उसे जबरदस्ती खिला कर जाती। दवाईयां तो विजय लेता नहीं था। वह दूध पीकर शाम को दवाईयां खिड़की के बाहर पौधों में डाल देता था।

Cartoon image of an indian kid

5 दिन बाद डॉक्टर साहब वापिस आए और उन्होंने विजय से पूछा, "कहो, कैसे हो विजय बेटे?" विजय बोला, "जी, अभी तो बहुत दर्द है। डॉक्टर साहब सोच में पड़ गए थे। और वह विजय के कमरे से बाहर निकल चुप-चाप छिपते-छिपाते खिड़की के पास पहुंच गए। जहां पर उन्होंने देखा कि 5 दिनों की दवाईयां तो इन पौधों में पड़ी हैं। डॉक्टर साहब को तुरन्त ही सारी योजना समझ में आ गई। वह चुप-चाप बिना आवाज़ किये कमरे में आ गए थे। तभी विजय के माता-पिता भी आ गए थे। डॉक्टर साहब ने विजय के माता-पिता से कहा, "मैं विजय से अकेले में बात करना चाहता हूं"। डॉक्टर साहब की इस बात पर विजय के माता-पिता को आश्चर्य हुआ लेकिन वह लोग बाहर निकल गए डॉक्टर साहब ने विजय से कहा, "विजय कल सुबह नाश्ता नहीं करना और अपने माता-पिता के साथ 10 बजे अस्पताल आ जाना"। (Moral Stories | Stories)

विजय ने कहा, "क्यों? डॉक्टर साहब"। विजय, तुम्हारे पेट में भंयकर बीमारी है, ऑपरेशन करना होगा"- डॉक्टर साहब ने कहा। विजय बिस्तर पर से उछल पड़ा और घबराता हुआ बोला, "डॉक्टर साहब, मेरे पेट में कोई दर्द नहीं है। मुझे कोई आपरेशन नहीं करवाना है"। "लेकिन यह बीमारी बिना ऑपरेशन से ठीक नहीं हो सकती है"। डॉक्टर साहब ने कहा। विजय बोला, "लेकिन डॉक्टर साहब मुझे वास्तव में कुछ नहीं हुआ है। मैं तो यह सब ढोंग कर रहा था, मुझे माफ कर दीजिए। मैं अपने किए पर बहुत पछता रहा हूं। यह सब मैंने इस लिए किया ताकि मुझे पढ़ाई न करनी पड़े"। यह कहकर विजय डॉक्टर के पैरों में गिर पड़ा। डॉक्टर साहब ने विजय को उठाकर कहा, "बेटे! मैं यह सब तो पहले दिन ही जान गया था"।

विजय ने अपने आत्मविश्वास के साथ कहा, "डॉक्टर साहब अब मैं पढूँगा और परीक्षा भी दूंगा। मैं बड़ा होकर आपकी तरह ही डॉक्टर बनूंगा। लेकिन डॉक्टर अंकल इस बारे में आप मेरे माता-पिता को मत बताना नहीं तो उन्हें बहुत दु:ख होगा"। (Moral Stories | Stories)

Cartoon image of an indian kid talking to a doctor

डॉक्टर साहब ने विजय को प्यार करते हुए कहा "मुझे खुशी है कि तुम्हें अपनी गलती का अहसास हो गया है। मेरा आशीर्वाद तुम्हारे  साथ है। अगर इस बार की परीक्षा में तुम फर्स्ट क्लास आते हो तो मेरी तरफ से तुम्हें एक हजार एक का इनाम मिलेगा"।

विजय ने कहा, "अब मैं बहुत अच्छा बनूंगा कभी भी शरारत नहीं करूंगा बहुत पढ़ाई करूंगा"।

यह सब बातें विजय के माता-पिता बाहर खड़े हुए सुन रहे थे। जैसे ही विजय ने अपनी बात पूरी करी उसके माता-पिता ने आकर उसको गले लगा लिया। इस समय विजय को अपने ऊपर बहुत शर्म आ रही थी। उसने अपनी नज़रें नीची कर रखी थीं। इसके बाद विजय के माता-पिता ने डॉक्टर साहब को धन्यवाद दिया। (Moral Stories | Stories)

lotpot | lotpot E-Comics | majedar bal kahani | Bal Kahani in Hindi | Best Hindi Bal kahani | Hindi Bal Kahaniyan | bal kahani | Hindi Bal Kahani | choti majedar hindi kahani | kids hindi kahaniyan | kids hindi kahani | bachon ki hindi kahaniyan | hindi kahani | bachon ki hindi moral story | short hindi moral story | hindi moral stories for kids | kids hindi moral story | Kids Hindi Moral Stories | Hindi Moral Stories | Hindi Moral Story | bachon ki hindi naitik kahani | hindi naitik kahaniyan | hindi naitik kahani | bachon ki naitik kahani | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | मज़ेदार बाल कहानी | मजेदार बाल कहानी | बच्चों की बाल कहानी | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानियाँ | प्रेरक हिंदी कहानी | मज़ेदार हिंदी कहानी | मजेदार छोटी हिंदी कहानी | बच्चों की हिंदी कहानी | मजेदार हिंदी कहानी | बच्चों की प्रेरणादायक हिंदी कहानी | बच्चों की मजेदार हिंदी कहानी | बच्चों की छोटी हिंदी कहानी | हिंदी कहानियाँ | बच्चों की कहानियाँ | बच्चों की छोटी कहानी | छोटी हिंदी नैतिक कहानी | हिंदी नैतिक कहानियाँ | बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी | बच्चों की नैतिक कहानियाँ | बच्चों की नैतिक कहानी

यह भी पढ़ें:-

हिंदी नैतिक कहानी: महाराजा का बड़प्पन

बच्चों की नैतिक कहानी: गणित का जादू

Moral Story: विश्वास की दवा

Moral Story: बड़ा उपहार छोटा उपहार

#Hindi Kahani #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Hindi Moral Stories #Hindi Bal Kahani #बच्चों की नैतिक कहानियाँ #Hindi Moral Story #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #हिंदी नैतिक कहानी #Kids Hindi Moral Stories #हिंदी कहानियाँ #Hindi Bal Kahaniyan #Best Hindi Bal kahani #बाल कहानियां #लोटपोट ई-कॉमिक्स #हिंदी बाल कहानियाँ #kids hindi moral story #hindi moral stories for kids #बच्चों की नैतिक कहानी #बच्चों की मजेदार हिंदी कहानी #बच्चों की प्रेरणादायक हिंदी कहानी #बच्चों की हिंदी नैतिक कहानी #मजेदार हिंदी कहानी #हिंदी नैतिक कहानियाँ #बच्चों की हिंदी कहानी #मजेदार बाल कहानी #Bal Kahani in Hindi #short hindi moral story #बच्चों की बाल कहानी #बच्चों की छोटी हिंदी कहानी #bachon ki hindi kahaniyan #bachon ki hindi naitik kahani #hindi naitik kahani #बच्चों की कहानियाँ #मज़ेदार हिंदी कहानी #मज़ेदार बाल कहानी #kids hindi kahani #kids hindi kahaniyan #majedar bal kahani #bachon ki naitik kahani #प्रेरक हिंदी कहानी #bachon ki hindi moral story #छोटी हिंदी नैतिक कहानी #बच्चों की छोटी कहानी #मजेदार छोटी हिंदी कहानी #hindi naitik kahaniyan #choti majedar hindi kahani