Jungle Story: डॉ. की सलाह सच में काम आयी उपवन में वर्षा की पहली फूहार पड़ी थी। चारों ओर जैसे हरियाली थिरक उठी थी। विविध रंग के फूल मुस्कुराते हुए अपनी भीनी-भीनी सुगंध का खजाना लुटा रहे थे। नदिया कल-कल कर गा उठी थी। By Lotpot 20 Apr 2024 in Stories Jungle Stories New Update डॉ. की सलाह सच में काम आयी Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Jungle Story डॉ. की सलाह सच में काम आयी:- उपवन में वर्षा की पहली फूहार पड़ी थी। चारों ओर जैसे हरियाली थिरक उठी थी। विविध रंग के फूल मुस्कुराते हुए अपनी भीनी-भीनी सुगंध का खजाना लुटा रहे थे। नदिया कल-कल कर गा उठी थी। झरना झर-झर झरने लगा था। पोखर में मेंढक टर्र टर्र का राग अलापने लगे थे।कागज की नाव चलाते बच्चे बड़े भले लग रहे थे। जगह-जगह पर माटी के घरौंदे बनाये जा रहे थे। (Jungle Stories | Stories) खुशियों का आलम सा छा गया था। वर्षा की छम-छम बूँदें अनूठे संगीत का सृजन कर रहीं थीं। खुशी के मारे कोयल एक बार पुनः कूक उठी थी। हरियल तोता मीठे आम का स्वाद चख कर सीटियां बजा रहा था। बुलबुल वर्षा में नहा-नहा कर तराने छेड़ रही थी। मैना की मीठी बोली गूंज उठी थी। प्यासे कौए के लिए तो वर्षा की बूंदों का आनंद ही कुछ निराला लग रहा था। वह नहा-नहा कर इस पेड़ की डाली पर से उस पेड़ की डाली तक उड़ता फिर रहा था। हर पंछी ने गर्मी के तपते मौसम से राहत पा ली थी। वर्षा के ठंडे-ठंडे पवन झकोरे सभी को बड़े भले लग रहे थे। पर उपवन में इस समय नजर न आ रहा था तो सिर्फ एक कबूतर। पंछी कह रहे थे- "वर्षा के इस मनभावन मौसम में भला कबूतर कहीं नजर क्यों नहीं आ रहा है?" सभी पंछी कबूतर के घर पर जा पहुंचे, तो उसे सभी ने बुखार में तपता हुआ पाया। कोई बोला- "अरे, तुम्हें तो बुखार हो आया है"। कोई बोला- "तुम कितने कमजोर हो गये हो"। (Jungle Stories | Stories) पंछी उसे पक्षियों के डॉक्टर के पास ले आये तो डॉक्टर कबूतर की जांच करते हुए बोला- "तुम सब जब वर्षा में... पंछी उसे पक्षियों के डॉक्टर के पास ले आये तो डॉक्टर कबूतर की जांच करते हुए बोला- "तुम सब जब वर्षा में घूमने जाना तो कबूतर को भी साथ लेते जाना"। पक्षी बिगड़ते हुए बोले आप ने एक तो दवा नहीं दी। दूसरा उसे वर्षा में भीगने की सलाह देकर उसे और बीमार करना चाह रहे हैं?" पक्षियों का डॉक्टर बोला इसका यही इलाज है। इतने पर भी यह ठीक न हुआ तो मैं इसे अवश्य दवा प्रदान करूंगा। पक्षियों को डॉक्टर की सलाह अजीब लग रही थी। फिर भी दूसरे दिन जब उपवन के सारे पंछी बाहर घूमने जाने निकले, तब वे कबूतर को भी साथ चलने का आग्रह करने लगे। पहले तो कबूतर आनाकानी कर रहा था। पर सभी के कहने पर बाहर उड़ान भरने को तैयार हो गया। हल्की-हल्की बूंदा बांदी आरंभ हो चुकी थी। पंछियों के साथ उड़ते-उड़ते कबूतर खेतों के ऊपर उड़ान भरने लगा। हरे भरे खेतों में पकी हुई लहलहाती फसलें देखकर वह प्रफुल्लित हो उठा। उसने पंछियों के साथ नीचे उतर कुछ दाने खाये। उसने पंछियों के साथ झरने का शीतल जल पिया। (Jungle Stories | Stories) कहीं पर खरगोश दौड़ रहा था। कहीं पर गिलहरी फुदक रही थी। नदियों में माझी गीत गाता हुआ नाव चला रहा था। सफेद बतख तैर रही थी। हरे-भरे पेड़-पौधे वर्षा की बूंदों में झूम-झूम कर जैसे वर्षा का स्वागत करते प्रतीत हो रहे थे। कुछ दूरी पर मखमली घास पर अपने खूबसूरत पंख फैलाये मोर थिरक-थिरक कर नाच रहे थे। ठंडी पवन झकोरे चल रहे थे। कबूतर का मन भी नाच उठने को आतुर हो उठा। कबूतर एकदम तरोताजा हो उठा। उसमें गजब की स्फूर्ति का संचार हो आया। उसका बुखार न जाने कहां गायब हो गया। वह बोला- "वह नाहक ही वर्षा से डर कर अब तक अपने घोंसले में छिपकर बैठा रहा है। वर्षा के प्रति मन में भय पाल लेना ही उसकी बीमारी का कारण रहा है"। वह पंछियों से बोला- "अब मैं पूर्ण स्वस्थ हो गया हूं। अब से मैं नित्य प्रतिदिन तुम सभी के साथ इसी प्रकार वर्षा में घूमने निकला करूंगा। वर्षा का मौसम हर तरह से स्फूर्तिदायक एवं मनोहारी है। मैं तुम सब के साथ बाहर न आता तो वर्षा के इस लुभावने एवं स्वास्थ्यप्रद मौसम से वंचित ही रह जाता"। कबूतर के स्वस्थ हो जाने पर सारे परिंदे चहचहा उठे। उन्होंने डॉ. का आभार माना। वे बोले- डॉ. की सलाह सच में काम आयी। (Jungle Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | Hindi Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahani | bal kahani | Bal Kahaniyan | Hindi kahaniyan | Hindi Kahani | kids short stories | kids hindi short stories | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | kids hindi jungle Stories | kids hindi stories | Kids Hindi Story | kids Jungle Stories | Hindi Jungle Stories | hindi stories | Hindi Story | Jungle Stories | Hindi Jungle Story | Kids Stories | Hindi Kids Stories | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | हिंदी कहानियाँ | हिंदी कहानी | छोटी कहानी | छोटी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | बच्चों की जंगल कहानी यह भी पढ़ें:- Jungle Story: अप्पू और गप्पू Jungle Story: जो आज़ाद वो सुखी Jungle Story: शेर फल क्यों नहीं खाता है? 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