बाल कहानी: वरदान

बाल कहानी: वरदान- रामनगर में एक पोखर था। वह बरसात के दिनों में खूब भर जाता था, लेकिन सर्दी और गरमी में सूखा रहता था। इस कारण सारी मछलियाँ पाताल लोक में चली जाती थीं।

By Lotpot
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बाल कहानी: वरदान- रामनगर में एक पोखर था। वह बरसात के दिनों में खूब भर जाता था, लेकिन सर्दी और गरमी में सूखा रहता था। इस कारण सारी मछलियाँ पाताल लोक में चली जाती थीं। इस प्रकार हर बदलते मौसम में मछलियों को बचे रहने के लिए कहीं और जाना पड़ता था। यह बहुत ही बड़ी समस्या थी।

मछलियों की समस्या का समाधान?

एक दिन एक बूढ़ी मछली ने कहा कि यदि मछलियाँ अपनी स्थिति को सदाबहार झील में बदल सकती हैं तो यह अच्छा होगा।

मछलियों ने वरुण देवता का आवाह्न करने का निर्णय लिया।
वरुण देव मछलियों की आवाज सुनकर प्रकट हो गए। उन्होंने कहा, "मैं तुम्हारी यह समस्या हल कर दूँगा, लेकिन तुम्हें यह वचन देना होगा कि पानी चाहे जितना भी आए, तुम इसमें से किसी को भी बाहर न जाने दोगे।"

वरदान का प्रभाव

वरुण देव के प्रभाव से पोखर झील में बदल गया। गाँव वालों ने जब पोखर के स्थान पर एक सुंदर सी झील देखी तो उनकी प्रसन्नता का ठिकाना न रहा। मछलियाँ खुश थीं और अब उन्हें कहीं और जाने की ज़रूरत नहीं रही।

गाँव की खुशी

गाँव के कुछ लोग पानी का महत्व समझ गए। अब सभी ने झील को स्वच्छ और सुरक्षित रखने का प्रण लिया। अब रामनगर की झील कभी नहीं सूखती थी।

यह कहानी हमें सिखाती है कि यदि हम सही निर्णय लें और प्रकृति का ध्यान रखें, तो हर समस्या का समाधान संभव है।

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