Moral Story: राजा महेंद्र का अद्भुत न्याय बहुत समय पहले की बात है। काशीपुर में महेंद्र नामक एक राजा रहते थे। राजा महेंद्र की न्याय प्रियता दूर-दूर तक फैली हुई थी दूसरे देश के लोग भी राजा महेंद्र के पास फैसला करवाने के लिए आते थे। By Lotpot 30 Mar 2024 in Stories Moral Stories New Update राजा महेंद्र का अद्भुत न्याय Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Moral Story राजा महेंद्र का अद्भुत न्याय:- बहुत समय पहले की बात है। काशीपुर में महेंद्र नामक एक राजा रहते थे। राजा महेंद्र की न्याय प्रियता दूर-दूर तक फैली हुई थी दूसरे देश के लोग भी राजा महेंद्र के पास फैसला करवाने के लिए आते थे। एक बार की बात है। एक ही अपराध के लिए मंत्री तीन व्यक्तियों को महाराज के पास लाया। (Moral Stories | Stories) “महाराज, तीनों ने मिल कर एक गरीब को मकान से बेदखल किया है।'' मंत्री ने महाराज से कहा। महाराज ने तीनों को गौर से देखा। फिर उन्होंने सजा सुनाई। पहले व्यक्ति को उन्होंने पास बुला कर कहा- “आप को ऐसा नहीं करना चाहिए था। अब आप जा सकते हैं।” (Moral Stories | Stories) महाराज ने फिर दूसरे व्यक्ति को बुलाकर उसे खूब डांटा। फिर उसे चले जाने को कहा। फिर महाराज ने मंत्री को बुलाकर कहा- ''इस तीसरे अपराधी का सिर मुंडवा कर इसे गधे पर बैठा कर नगर में घुमाओ।” महाराज महेंद्र के फैसले से मंत्री और प्रजा को बहुत आश्चर्य हुआ। लोग महाराज के फैसले पर अंगुली उठाने... महाराज महेंद्र के फैसले से मंत्री और प्रजा को बहुत आश्चर्य हुआ। लोग महाराज के फैसले पर अंगुली उठाने लगे। जब मंत्री से न रहा गया तो उसने पूछा- ''महाराज जब तीनों ने एक ही अपराध किया है, तो तीनों को अलग-अलग सजा क्यों दी जा रही है?” महाराज ने शांत भाव से मंत्री की ओर देखते हुए कहा- “कल तुम्हारे प्रश्न का समाधान स्वयं ही हो जाएगा।" (Moral Stories | Stories) दूसरे दिन महाराज ने मंत्री को बुला कर कहा- "महामंत्री, आप कल के तीनों अपराधियों को फिर से पेश करें।'' काफी खोजने के बाद मंत्री केवल तीसरे अपराधी को ही महाराज के सामने ला सका। “महाराज, पहले अपराधी ने आत्महत्या कर ली। दूसरा अपराधी देश छोड़ कर चला गया। तीसरा अपराधी शराब पी कर जुआ खेल रहा था। मैं केवल तीसरे अपराधी को ही लाने में सफल हुआ हूं।” मंत्री ने अफसोस जताते हुए कहा। “महामंत्री, कल मैंने अपराधियों को दंड उनके व्यक्तित्व और आचरण के अनुसार ही दिया था। पहला व्यक्ति एक शरीफ इंसान था। इसीलिए उसने आत्महत्या कर ली। दूसरे व्यक्ति में भी कुछ शराफत बची हुई थी, इसलिए वो देश छोड़ कर चला गया, और यह तीसरा व्यक्ति एकदम नीच है। इतना अपमानित होने पर भी इसे अपनी गलती का एहसास नहीं हुआ।" महाराज महेंद्र की बातें सुन कर महामंत्री की आंखे खुल गईं। वास्तव में महाराज ने सही न्याय किया था। प्रजा महाराज के न्याय प्रियता की जयजयकार करने लगी। (Moral Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | Hindi Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahani | bal kahani | Bal Kahaniyan | kids hindi short stories | short moral stories | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | kids hindi moral story | kids hindi stories | Kids Moral Stories | Kids Stories | Kids Hindi Moral Stories | hindi stories | Moral Stories | Moral Stories for Kids | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | हिंदी कहानियाँ | छोटी कहानी | छोटी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | बच्चों की प्रेरक कहानियाँ यह भी पढ़ें:- Moral Story: गुरू गिलहरी Moral Story: आलस्य करने का फल Moral Story: संसार को प्रसन्न करना कठिन Moral story: तीन भाई #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Bal Kahaniyan #Kids Moral Stories #Moral Stories #Hindi Bal Kahani #Moral Stories for Kids #Kids Stories #बच्चों की प्रेरक कहानियाँ #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #Kids Hindi Moral Stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #kids hindi stories #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #short moral stories #Hindi Bal Kahaniyan #बाल कहानियां #kids hindi short stories #लोटपोट ई-कॉमिक्स #हिंदी बाल कहानियाँ #kids hindi moral story You May Also like Read the Next Article