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प्रायश्चित
Moral Story प्रायश्चित:- एक यवन राजा स्वामी रामानन्द जी के पास अक्सर आता था। वह बड़े सोच में था कि प्रायश्चित से किस प्रकार मन की शुद्ध हो जाती है? एक दिन उससे न रहा गया। वह स्वामी जी से बोला- ''महात्मन्! मुझे कारण बतायें कि प्रायश्चित में ऐसी कौन सी बातें हैं, जो मन को पवित्र बना देती हैं।” (Moral Stories | Stories)
स्वामी रामानन्द जी उस यवन राजा को एक ऐसी नदी के किनारे ले गये, जिसका पानी काफी...
स्वामी रामानन्द जी उस यवन राजा को एक ऐसी नदी के किनारे ले गये, जिसका पानी काफी सड़ गया था। पानी की ओर संकेत करते हुए स्वामी जी बोले- ''राजन, क्या तुम जानते हो, इस नदी का पानी क्यों सड़ गया है?'' राजा बोला- ''इसे कौन नहीं जानता महात्मन् प्रवाह रूक जाने से पानी सड़ गया है। (Moral Stories | Stories)
बस तो इतना जान लो, जब हमारे पाप से हमारे मन का प्रवाह रूक जाता है, तो प्रायश्चित ही वर्षा की बाढ़ बनकर उसे गति प्रदान करता है।”
स्वामी रामानन्द के उत्तर को सुनकर राजा सन्तुष्ट हो गया। (Moral Stories | Stories)
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