Moral Story: बापू का प्रकृति प्रेम बापू प्रकृति प्रेमी थे। वे कभी किसी वृक्ष की टहनी नहीं तोड़ते, कभी फूल भी नहीं तोड़ते। नदी से सिर्फ उतना ही पानी लेते जितनी आवश्यकता होती। एक दिन जमनालाल बजाज ने चुटकी ली- ''बापूजी। By Lotpot 27 Feb 2024 in Stories Moral Stories New Update बापू का प्रकृति प्रेम Moral Story बापू का प्रकृति प्रेम:- बापू प्रकृति प्रेमी थे। वे कभी किसी वृक्ष की टहनी नहीं तोड़ते, कभी फूल भी नहीं तोड़ते। नदी से सिर्फ उतना ही पानी लेते जितनी आवश्यकता होती। एक दिन जमनालाल बजाज ने चुटकी ली- ''बापूजी। आप स्नान करने व पानी पीने में इतनी कंजूसी क्यों करते हैं?'' (Moral Stories | Stories) बापू बोले “ये नदियां, कुएं तथा बावड़ियाँ मुझे वसीयत में नहीं मिली हैं। ये तो प्रकृति की धरोहर हैं, मुझे जितने पानी की आवश्यकता है उतना ले लेता हूँ। हाँ, अगर व्यर्थ ही पानी को बर्बाद करने लगा तब पानी तो गंदा होगा ही साथ ही कई लोगों को प्यासा रहना पड़ेगा, खेतों में बराबर सिंचाई नहीं होगी, विद्युत उत्पन्न करने में बाधा पहुंचेगी।'' बापू की “गागर में सागर" वाली बात सुनकर जमनालाल जी को नव बोध हुआ और बापू से बोले ''बापूजी, यह सच है, कुदरत से यदि इंसानी रिश्ता सही रहेगा तो कुदरत मानव समूह को कभी ठेस नहीं पहुंचाएगी।'' (Moral Stories | Stories) यह उन दिनों की बात है जब बापू साबरमती आश्रम में रहते थे। वे सोते समय अपने सिरहाने पानी की... यह उन दिनों की बात है जब बापू साबरमती आश्रम में रहते थे। वे सोते समय अपने सिरहाने पानी की एक लुटिया रखते थे। प्रात: उठकर उसी जल से मुख शुद्धि आदि किया करते। एक दिन एक मित्र ने कहा “बापू, आप नदी तीर रहते हैं फिर पानी की इतनी कंजूसी क्यों करते हैं। बापू ने जवाब दिया ''भाई, इस नदी का पानी क्या मुझ अकेले के लिए बहता है? इसे मेरे जैसे कितने ही मनुष्यों और पशुओं को जल प्रदान करना है। इसमें मेरा अधिकार तो इस लुटिया भर पानी का है।" (Moral Stories | Stories) भगवान ने हमको प्रभूत पानी दिया है, परन्तु उसके उपयोग के विषय में बापू का विवेक बहुत सूक्ष्म था। वे मानते थे कि हमें अपनी आवश्यकता के अनुसार ही उसका उपयोग करना चाहिए। आवश्यकता से अधिक लेना अस्तेय व्रत का तथा आवश्यकता से अधिक संचय करना अपरिग्रह का उल्लंघन है। उन दिनों बापू पद यात्रा पर थे। वे अपने सामान में नहाने के लिए एक पत्थर रखा करते थे। वे उसी से शरीर रगड़ा करते थे। एक दिन मनु बहन उनका वह पत्थर पिछले पड़ाव पर ही भूल गईं। जब बापू को इसका पता चला तो उन्होंने पिछले पड़ाव जाकर वह पत्थर लाने को मनु से कहा। सुनकर मनु बहन ने कहा- “उफ, बापूजी। आप भी कैसी बात करते हैं? यहीं आसपास कितने पत्थर पड़े हैं, इन्हीं में से एक उठा लेती हूं। वहां जाने आने में तो पूरे तीन घंटे लग जायेंगे"। (Moral Stories | Stories) इस पर बापू ने कहा- ''मनु तुम वही पत्थर लेकर आओ ये इतने पत्थर पड़े हैं तो क्या हुआ, ये किसी न किसी काम तो आएंगे ही, अभी नहीं तो पांच बरस बाद। हमें इस तरह अन्य पत्थर बिगाड़ने का कोई हक नहीं। हां तुम तुरन्त जाओ और उसी पत्थर को ढूंढकर लाओ।” मनु वह पत्थर लेने चल पड़ी। फिर तीन घंटे बाद लौटी। उसने देखा “ठण्ड में ठिठुरते हुए बापू अगले पड़ाव की तैयारियां कर रहे हैं। उसने जैसे ही बापू को वो पत्थर दिया, बापू ने खुश होते हुए उसे लेकर अपने थैले में रखा। फिर मनु बहन से कहने लगे- “यों तो प्रकृति की गोद में असंख्य पत्थर बिखरे पड़े हैं, लेकिन हमें अपनी आवश्यकता के अनुसार ही उनका उपयोग करना चाहिए"। मनु बहन ने यह बातें अपनी डायरी में नोट कर लीं और अगले पड़ाव के लिए बापू के साथ चलने की तैयारियां करने लगी। (Moral Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | bal kahani | Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahaniyan | short moral stories | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | Kids Stories | hindi stories | Moral Stories | Kids Hindi Moral Stories | Hindi Moral Stories | Kids Moral Stories | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | हिंदी कहानियाँ | छोटी कहानी | छोटी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | बच्चों की नैतिक कहानियाँ यह भी पढ़ें:- Moral Story: सत्य का संपर्क Moral Story: तितली का संघर्ष Moral Story: हर चीज़ में भगवान हैं Moral Story: जीवन की भागम-भाग #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Bal Kahaniyan #Hindi Moral Stories #Kids Moral Stories #Moral Stories #Kids Stories #बच्चों की नैतिक कहानियाँ #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #Kids Hindi Moral Stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #short moral stories #Hindi Bal Kahaniyan #बाल कहानियां #लोटपोट ई-कॉमिक्स #हिंदी बाल कहानियाँ You May Also like Read the Next Article