Moral Story: हर चीज़ में भगवान हैं एक गुरूजी थे, उनके आश्रम में कुछ शिष्य शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। एक बार बातचीत में एक शिष्य ने पूछा - गुरूजी, क्या ईश्वर सचमुच है? गुरूजी ने कहा- ईश्वर अगर कहीं है तो वह हम सभी में है। By Lotpot 24 Jan 2024 in Stories Moral Stories New Update हर चीज़ में भगवान हैं Moral Story हर चीज़ में भगवान हैं:- एक गुरूजी थे, उनके आश्रम में कुछ शिष्य शिक्षा प्राप्त कर रहे थे। एक बार बातचीत में एक शिष्य ने पूछा - गुरूजी, क्या ईश्वर सचमुच है? गुरूजी ने कहा- ईश्वर अगर कहीं है तो वह हम सभी में है। शिष्य ने पूछा - तो क्या मुझमें और आप में भी ईश्वर है? (Moral Stories | Stories) गुरूजी बोले- बेटा, मुझमें, तुम में, तुम्हारे सारे सहपाठियों में और हर जीव जंतु में ईश्वर है। जिसमें जीवन है उसमें ईश्वर है। शिष्य ने गुरूजी की बात याद कर ली। कुछ दिनों बाद शिष्य जंगल में लकड़ी लेने गया। तभी सामने से एक हाथी बेकाबू होकर दौड़ता हुआ आता दिखाई दिया। हाथी के पीछे पीछे महावत भी दौड़ता हुआ आ रहा था और दूर से ही चिल्ला रहा था- दूर हट जाना, हाथी बेकाबू हो गया है, दूर हट जाना रे भैया, हाथी बेकाबू हो गया है। (Moral Stories | Stories) उस जिज्ञासु शिष्य को छोड़कर बाकी सभी शिष्य तुरंत इधर उधर भागने लगे... उस जिज्ञासु शिष्य को छोड़कर बाकी सभी शिष्य तुरंत इधर उधर भागने लगे। वह शिष्य अपनी जगह से बिलकुल भी नहीं हिला, बल्कि उसने अपने दूसरे साथियों से कहा कि हाथी में भी भगवान है फिर तुम भाग क्यों रहे हो? महावत चिल्लाता रहा, पर वह शिष्य नहीं हटा और हाथी ने उसे धक्का देकर एक तरफ गिरा दिया और आगे निकल गया। गिरने से शिष्य होश खो बैठा। (Moral Stories | Stories) कुछ देर बाद उसे होश आया तो उसने देखा कि आश्रम में गुरूजी और शिष्य उसे घेरकर खड़े हैं। साथियों ने शिष्य से पूछा कि जब तुम देख रहे थे कि हाथी तुम्हारी तरफ दौड़ा चला आ रहा है तो तुम रास्ते से हटे क्यों नहीं? शिष्य ने कहा- जब गुरूजी ने कहा है कि हर चीज़ में ईश्वर है तो इसका मतलब है कि हाथी में भी है। मैंने सोचा कि सामने से हाथी नहीं ईश्वर चले आ रहे हैं और यही सोचकर मैं अपनी जगह पर खड़ा रहा, पर ईश्वर ने मेरी कोई मदद नहीं की। गुरूजी ने यह सुना तो वे मुस्कुराए और बोले - बेटा, मैंने कहा था कि हर चीज़ में भगवान है। जब तुमने यह माना कि हाथी में भगवान है तो तुम्हें यह भी ध्यान रखना चाहिए था कि महावत में भी भगवान है और जब महावत चिल्लाकर तुम्हें सावधान कर रहा था तो तुमने उसकी बात पर ध्यान क्यों नहीं दिया? शिष्य को उसकी बात का जवाब मिल गया था। (Moral Stories | Stories) lotpot-e-comics | hindi-bal-kahania | bal kahani | short-stories | short-hindi-stories | hindi-short-stories | hindi-stories | hindi-stories-for-kids | moral-stories | hindi-moral-stories | hindi-kids-stories | kids-moral-stories | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | hindii-baal-khaanii | baal-khaanii | chottii-khaanii | chottii-khaaniyaan | chottii-hindii-khaanii यह भी पढ़ें:- Moral Story: पेड़ का रहस्य Moral Story: परिवर्तन Moral Story: कच्चा-पक्का Moral Story: बैंकर और भिखारी #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Hindi Moral Stories #Kids Moral Stories #Moral Stories #Hindi Kids Stories #Hindi Bal kahania #Kids Stories #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #hindi stories for kids #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी You May Also like Read the Next Article