Moral Story: भगवान का जन्म राजेश एक दिन स्कूल से लौटा तो उसकी मां बोली 'बेटा, तूने कुछ सुना? अपने गांव में हरिनाथ के खेत में भगवानजी पैदा हुए हैं। उनके मुंह से कभी-कभी आवाजें भी निकलती हैं। बेटा, मुझे भी तुम उनके दर्शन करा लाओ न। By Lotpot 03 Apr 2024 in Stories Moral Stories New Update भगवान का जन्म Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Moral Story भगवान का जन्म:- राजेश एक दिन स्कूल से लौटा तो उसकी मां बोली 'बेटा, तूने कुछ सुना? अपने गांव में हरिनाथ के खेत में भगवानजी पैदा हुए हैं। उनके मुंह से कभी-कभी आवाजें भी निकलती हैं। बेटा, मुझे भी तुम उनके दर्शन करा लाओ न। मौहल्ले के सब लोग उनके दर्शन कर आए हैं’। (Moral Stories | Stories) राजेश मां को समझाता हुआ बोला 'मां तुम भी कैसी बातें करती हो? भगवान भी कहीं पैदा होते हैं? वह अगर खेतों में पैदा होने लगे तो लोग खेती करना ही छोड़ देंगे। फिर उनके मुंह से आवाज निकलने का सवाल ही पैदा नहीं होता'। “मैं जानती हूं कि तू नहीं मानेगा। परंतु यह सच है। हमारे अनेक पड़ोसी वहां गए थे। उन्होंने भगवान के दर्शन भी किए और उनकी आवाज भी सुनी"। मां ने कहा। “जब ऐसी बात है तो चलो, हम सब भी चलते हैं"। माँ उससे कहती रही कि पहले नाश्ता तो कर ले, पर राजेश सोच रहा था कि जल्दी जाकर वह पहले सच्चाई का पता लगाएगा। मां ने भगवान पर चढ़ाने के लिए बताशे, पेड़े और काफी रेजगारियां ले ली थीं। (Moral Stories | Stories) हरिनाथ के खेत में बड़ी भीड़ लगी थी। दूर-दूर से लोग बसों, तांगों और रिक्शों में चले आ रहे थे। राजेश ने जाकर देखा, पेड़ के नीचे एक बड़ा... हरिनाथ के खेत में बड़ी भीड़ लगी थी। दूर-दूर से लोग बसों, तांगों और रिक्शों में चले आ रहे थे। राजेश ने जाकर देखा, पेड़ के नीचे एक बड़ा पत्थर गेरू में चुपड़ा हुआ रखा है। उसके सामने नारियलों, रूपए-पैसों, मिठाई, गेहूं, जौ और बताशे आदि का ढेर लगा हुआ है। एक पंडितजी ललाट पर तिलक लगाए उस पत्थर के आगे बैठे हुए थे। लोग एक साथ 'राम-राम, सीता-राम' का कीर्तन कर रहे थे। ढोलक, मंजीरे बज रहे थे। चारों ओर अगरबत्ती, धूप और कपूर की खुशबू उड़ रही थी। उसी दौरान एक 20-22 वर्ष का पंडित बोला 'आप लोग बिल्कुल चुप हो जाइए और जरा ध्यान से सुनिए। आप सभी को भगवानजी की आवाज सुनाई पड़ेगी। यहां हम सरकार से कह कर एक मंदिर बनवाएंगे। आप लोग जी खोलकर दान दीजिए'। राजेश भी अन्य लोगों की तरह आंखे बंद किए हुए बैठा था। पर उसका मन कह रहा था कि यह सब ढोंग है। कभी-कभी आंखें खोलकर वह चारों ओर ध्यान से देख लेता था। अचानक घुटी-घुटी सी एक आवाज मूर्ति से निकलने लगी 'मुझे यहां से निकालो मेरे लिए मंदिर बनाओ। अब मैं यहीं रहूंगा। मंदिर न बनवाया तो सारे गांव को भस्म कर डालूंगा'। (Moral Stories | Stories) राजेश को लगा जैसे वह घुटा-घुटा स्वर बहुत दूर से आ रहा हो। वह जैसे ही ध्यान लगाकर सुनने लगा, उसी समय लोगों ने 'राम-राम, राधे-श्याम' खूब जोर से गाना शुरू कर दिया। राजेश मां के साथ घर लौटा तो उसे चैन नहीं आ रहा था। उसे कई बातें खटक रहीं थीं। भगवानजी हिंदी ही बोल रहे थे? पंडित जी के बोलने पर ही आवाज क्यों आई? वह आवाज लगातार आनी चाहिए थी। भगवान जी हरिनाथ के खेत से ही क्यों निकले? तीन दिन राजेश अकेला ही नए मंदिर में पहुंचा। सब कुछ उसने ध्यान से देखा। अचानक चौथे दिन वह खुशी से उछल पड़ा। सारी बात उसकी समझ में आ गई थी। अपने स्कूल में जाकर उसने अपने दोस्त विकास, दिनेश, अरविंद और दीपेश को इकट्ठा किया। आपस में सलाह कर सभी हॉकियां लेकर पत्थर की मूर्ति के आगे भीड़ में आ बैठे। रोज की तरह 20-22 वर्ष का वही पंडित खड़ा होकर बोला, "ध्यान से सुनिए, थोड़ी देर में आप लोगों को भगवानजी की आवाज सुनाई देगी। राजेश मुस्कुराया। उसके सारे दोस्तों ने आंखों के इशारे से आपस में बातें की। जैसे ही सब लोग आंखे बंद कर रामधुन गाने लगे, वह पंडित धीरे से उठकर भीड़ के पीछे चल दिया और झाड़ियों के पीछे जाकर वह गायब हो गया। राजेश के तीन-चार साथी पहले से ही उन झाड़ियों में जा छिपे थे। आवाज सुनाई दी, 'अरे, मुझे यहां से निकालो'। (Moral Stories | Stories) तभी विकास खड़ा होकर बोला, भगवानजी, हमें अंग्रेजी या मराठी में बोलकर भी बताइए। विकास का इतना कहना था कि आवाज बिल्कुल ही बंद हो गई। पंडितों के चेहरे फीके पड़ गए। उन्हें 'फक्क' से देखकर राजेश बोला, "पंडितजी, भगवान चुप हो गए?" मोटा पंडित बोला, "तुम नास्तिकों को देखकर भगवानजी नाराज हो गए हैं। इन अधर्मियों को यहां से निकालो"। सारी भीड़ गुस्से में भरकर चिल्लाने लगी “निकलो, बाहर निकलो, तुम लोगों ने भगवानजी को नाराज कर दिया"। (Moral Stories | Stories) पर इसी बीच तीन-चार लड़के 20-22 वर्ष के उस पंडित को झाडियों में से पकड़े हुए निकले। उसी समय एक आवाज आने लगी "भाइयो, यह आवाज भगवानजी की नहीं, आपके ही गांव के राजेश की है। हमने सारे ढोंग-ढकोसले की जड़ खोज निकाली है। मैं जहां से बोल रहा हूं, वह एक गड्ढा है। यहां एक माइक है, जिसकी तार जमीन के अंदर-अंदर ही एक छोटे लाउड स्पीकर से जुड़ी है और लाउड स्पीकर हरिनाथ के खेत के एक गड्ढे में गढ़ा हुआ है। यहां से कोई मूर्ति नहीं निकली है, बल्कि जान-बूझकर इन ढोंगियों ने लोगों को मूर्ख बनाने के लिए ऐसा किया है। हरिनाथ का भी इसमें हाथ है। हम पाखण्डी पंडितों व ढोंगियों को पकड़कर पुलिस के पास ले जा रहे हैं। आप लोगों को मेरे साथी माइक और लाउड स्पीकर निकालकर दिखाएंगे। जिसे हमारी बात पर विश्वास न हो वह मेरे साथियों के साथ यहां आकर माइक पर बोल सकता है। "भीड़ अपने को ठगे जाने के कारण क्रुद्ध हो गई और शोर मचाने लगी 'हम इन ढोंगियों को मारेंगे'। लेकिन उसी समय उन्हें रोकते हुए राजेश ने कहा, 'ठहरिए और शांतिपूर्वक सुनिए। हमने पता लगाया है कि सुखिया मंगल का खेत हड़पने के लिए हरिनाथ ने इन-पंडितों को बुलाया था। एक पंडित को पकड़कर मेरे दोस्त आपके सामने ला रहे हैं, उसने सारी बात हमें बता दी है'। तब तक राजेश के एक दोस्त ने पुलिस को बुलाकर उन ढोंगियों को पुलिस के हवाले कर दिया। पुलिस ने माइक, लाउडस्पीकर आदि सभी अपने कब्जे में लेकर बच्चों के साहस की सराहना की। पुलिस ने गांव वालों को भी, ऐसे ढोंगी लोगों से सावधान रहने को कहा। (Moral Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | Hindi Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahani | bal kahani | Bal Kahaniyan | kids hindi short stories | short moral stories | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | Kids Hindi Moral Stories | Kids Moral Stories | kids hindi stories | kids short stories | hindi stories | Moral Stories | Kids Stories | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | हिंदी कहानियाँ | छोटी कहानी | छोटी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | बच्चों की नैतिक कहानियाँ यह भी पढ़ें:- Moral Story: राजा महेंद्र का अद्भुत न्याय Moral Story: सॉरी सर Moral Story: सच या झूठ Moral Story: धोबी का गधा #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Bal Kahaniyan #Kids Moral Stories #Moral Stories #Hindi Bal Kahani #Kids Stories #बच्चों की नैतिक कहानियाँ #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #Kids Hindi Moral Stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #kids hindi stories #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #short moral stories #Hindi Bal Kahaniyan #बाल कहानियां #kids hindi short stories #लोटपोट ई-कॉमिक्स #हिंदी बाल कहानियाँ #kids short stories You May Also like Read the Next Article