Moral Story: किसी का दोष न देखो भगवान बुद्ध के एक शिष्य ने एक दिन भगवान तथागत् के चरणों में प्रणाम किया और वह हाथ जोड़कर खड़ा हो गया। भगवान ने उससे पूछा- “तुम क्या चाहते हो?” शिष्य बोला- ''भगवन्! यदि आज्ञा दें, तो मैं देशाटन करना चाहता हूँ।'' By Lotpot 05 Mar 2024 in Stories Moral Stories New Update किसी का दोष न देखो Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Moral Story किसी का दोष न देखो:- भगवान बुद्ध के एक शिष्य ने एक दिन भगवान तथागत् के चरणों में प्रणाम किया और वह हाथ जोड़कर खड़ा हो गया। भगवान ने उससे पूछा- “तुम क्या चाहते हो?” शिष्य बोला- ''भगवन्! यदि आज्ञा दें, तो मैं देशाटन करना चाहता हूँ।'' (Moral Stories | Stories) भगवान बुद्ध बोले- ''लोगों में अच्छे-बुरे सभी प्रकार के मनुष्य होते हैं। बुरे लोग तुम्हारी निन्दा करेंगे, और तुम्हें गालियां देंगे, उस समय तुम्हें कैसा लगेगा? शिष्य-“मैं समझ लूंगा कि वे बहुत भले हैं, कि उन्होंने मुझ पर धूल नहीं फेंकी और मुझे थप्पड़ नहीं मारे।” भगवान बोले- “उनमें से कुछ लोग धूल भी फेंक सकते हैं और थप्पड़ भी मार सकते हैं।” (Moral Stories | Stories) शिष्य- ''मै इसलिए भी उन्हें भला समझूंगा कि वे मुझे डंडे नहीं मारते।” भगवान- डंडे मारने वाले भी दस-पांच मनुष्य मिल सकते हैं। शिंष्य- "वे मुझे हथियारों से नहीं मारते, इसलिए वे भी मुझे भले जान पड़ेंगे।" (Moral Stories | Stories) भगवान बोले- देश बहुत बड़ा है। जंगलों में ठग और डाकू तुम्हें हथियारों से मार सकते हैं। तब तुम क्या करोगे? शिष्य बोला- ''वे डाकू दयालु जान पड़ेंगे, क्योंकि मैं समझूंगा कि उन्होंने मुझे जीवित ही छोड़ दिया वे प्राणांत भी कर सकते हैं।" शिष्य- भगवान, यह संसार दुःख रूप है। इसमें बहुत दिनों तक जीवित रहने से दुःख ही दुःख प्राप्त होता है। आत्म हत्या करना तो महापाप है, किन्तु यदि कोई दूसरा मार देता है, तो यह उसकी दया ही है। (Moral Stories | Stories) शिष्य की बात सुनकर भगवान बुद्ध प्रसन्न होकर कहने लगे- “अब तुम पर्यटन के योग्य हो गये हो। सच्चा साधु वही है जो कभी किसी दशा में किसी का बुरा नहीं सोचता, और दूसरों की बुराई नहीं देखता। जो सबको भला समझता है और उनमें भलाई देखता है, वही परिव्राजक होने योग्य है। तथागत ने सन्तुष्ट होकर शिष्य को देशाटन की आज्ञा दे दी। (Moral Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | bal kahani | bal kahani | Hindi Bal Kahaniyan | bal kahani | Hindi Bal Kahani | Bal Kahaniyan | kids hindi short stories | short moral stories | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | Kids Hindi Moral Stories | Hindi Moral Stories | Moral Stories | Kids Stories | Kids Moral Stories | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानियाँ | हिंदी बाल कहानी | हिंदी कहानियाँ | छोटी कहानी | छोटी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | बच्चों की नैतिक कहानियाँ यह भी पढ़ें:- Moral Story: बुरे काम का बुरा नतीजा Moral Story: शरारत का परिणाम Moral Story: कहां से आया जूता Moral Story: सम्मान के चक्कर में #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Bal Kahaniyan #Hindi Moral Stories #Kids Moral Stories #Moral Stories #Hindi Bal Kahani #Kids Stories #बच्चों की नैतिक कहानियाँ #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #Kids Hindi Moral Stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #short moral stories #Hindi Bal Kahaniyan #बाल कहानियां #kids hindi short stories #लोटपोट ई-कॉमिक्स #हिंदी बाल कहानियाँ You May Also like Read the Next Article