Moral Story: बचत का महत्व
एक किसान था, इस बार वह फसल कम होने की वजह से चिंतित था। घर में राशन ग्यारह महीने चल सके उतना ही था। बाकी एक महीने के राशन का कहां से इंतजाम होगा। यह चिन्ता उसे बार बार सता रही थी।
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एक किसान था, इस बार वह फसल कम होने की वजह से चिंतित था। घर में राशन ग्यारह महीने चल सके उतना ही था। बाकी एक महीने के राशन का कहां से इंतजाम होगा। यह चिन्ता उसे बार बार सता रही थी।
शनिवार के दिन बच्चों का स्कूल सुबह का रहता है। सुभाष, मफत और किरण सारे बच्चों को सवेरे जल्दी ही उठना पड़ता है। उस दिन भी सुभाष और मफत स्कूल जाने की तैयारी में व्यस्त थे।
आपको शेर और खरगोश की कहानी अच्छी तरह याद होगी कि ‘एक शेर था।’ वह जब बूढ़ा हो गया तो उसने एक-एक जानवर रोज़ बुलाकर खाना शुरू किया। फिर एक दिन जब खरगोश की बारी आयी तो वह भी गया।
एक सुनार था, उसकी दुकान के पास ही एक लोहार की दुकान थी एकदम सटी हुई। सुनार जब काम करता तो उसकी दुकान से बहुत धीमी आवाज़ आती, किन्तु जब लोहार काम करता तो उसकी दुकान से कानों को फोड़ देने वाली आवाज़ आती थी।
रूस्तम अपने ज़माने का एक प्रसिद्ध पहलवान था, उसने हज़ारों कुश्तियां जीतीं, खूब नाम कमाया, लेकिन अब वह बूढ़ा हो गया था इसलिए कोई उसे पूछता नहीं था। एक दिन रुस्तम के सामने एक लड़का आ खड़ा हुआ, उसका एक ही हाथ था।
शैतान शेर रोज़ाना जंगल के जानवरों को अपनी भूख मिटाने के लिए मारता था। जंगल के सभी जानवर डरे हुए और चिंतित थे। ऐसे तो जंगल में एक भी जानवर नहीं बचेगा। क्या किया जाए?
एक राजा अपने घोड़े पर सवार एक जंगल से अकेला गुज़र रहा था। जब वह डाकू भीलों की झोपड़ी के पास से निकला, तब उसने देखा कि एक भील के द्वार पर पिंजरे में बंद तोता चिल्ला रहा है... “पकड़ो!... मार डालो इसे!