लोटपोट की शिक्षाप्रद कहानी : तोते की सीख लोटपोट की शिक्षाप्रद कहानी : तोते की सीख : एक जंगल में, आम के पेड़ पर एक तोता रहता था। वो हमेशा खुश रहता था। दिन भर वो आम के मीठे मीठे फल खाता और पेड़ की हरी भरी डालियों समें झूलते हुए गाना गाता था, लेकिन फिर ऐसा हुआ कि जंगल में सूखा पड़ गया। वहां के सारे पेड़ पौधे और तालाब सूख गए। By Lotpot 19 May 2021 | Updated On 19 May 2021 13:00 IST in Stories Moral Stories New Update लोटपोट की शिक्षाप्रद कहानी : तोते की सीख : एक जंगल में, आम के पेड़ पर एक तोता रहता था। वो हमेशा खुश रहता था। दिन भर वो आम के मीठे मीठे फल खाता और पेड़ की हरी भरी डालियों समें झूलते हुए गाना गाता था, लेकिन फिर ऐसा हुआ कि जंगल में सूखा पड़ गया। वहां के सारे पेड़ पौधे और तालाब सूख गए। जंगल के सब पशु पक्षी जंगल छोड़कर दूर किसी अन्य ठिकाने पर चले गए। लेकिन तोते ने अपना आम का पेड़ नहीं छोड़ा। वो सारा दिन सूखे पेड़ की डाली पर बैठा ईश्वर से प्रार्थना करता और दर्द भरे गीत गाता था। फल और पानी ना मिलने के कारण तोता कमजोर और दुबला होने लगा था। एक दिन उस जंगल के रास्ते से साधु की एक मंडली गुज़री। उस वीरान जंगल में, जहां एक भी जीव जानवर दिखाई नहीं दे रहा था, वहां सूखे आम के वृक्ष पर एक कमजोर तोते को करुण स्वर में गाते देख एक साधु ने तोते से पूछा, "अरे, मिठ्ठू महाराज, इस उजड़े सूखे जंगल में तुम अकेले क्या कर रहे हो? भूख प्यास से तुम बेहाल दिखते हो। तुम्हारे सारे संगी साथी पशु पक्षी अपना घर छोड़ दूसरी जगह चले गए हैं। तुम भी चले जाओ दूर किसी और पेड़ में और अपनी जान बचाओ।" साधू की बातें सुनकर तोते ने विनम्र और उदास स्वर में जवाब दिया, " नहीं साधु महात्माजी। मैं ऐसा नहीं कर सकता। मैंने इस पेड़ पर बने कोटर में जन्म लिया। यहीं मैं पला बढा। इस पेड़ के मीठे फल खाकर मैं जीता रहा, इसकी छायादार पत्तियों के बीच चैन से जीवन बिताया। यहीं मैंने कितने मित्र बनाएं। इस पेड़ ने मुझे कितनी बार दुश्मनों से बचाया। इसके साथ मैंने जीवन के कितने सुख भरे दिन बिताए। लेकिन आज जब इस वृक्ष का बुरा वक्त आया है तो मैं इसे कैसे त्याग दूं?जिसके साथ सुख भरे दिन बिताये उसके साथ अब दुख के दिन भी बाँटूंगा।" तोते की बातें सुनकर साधू जन बहुत प्रसन्न हुए। वे अपनी मंडळी के साथ उसी वक्त उस देश के राजा के पास गए और उन्हें उनके राज्य में सूखते जंगल का समाचार भी दिया और जंगल को बचाने की गुहार भी लगाई। सारी बातें सुनकर राजा ने तुरंत एक विशाल नहर खुदवाकर जंगल तक पानी पहुँचाने की व्यवस्था की। फिर देखते ही देखते जंगल के सारे पेड़ पौधों के साथ आम का वो पेड़ भी हरा भरा हो गया और उसमें खूब मीठे फल लगने लगे। जंगल के सारे पशु पक्षी वापस अपने घर लौट आये और तोते को धन्यवाद दिया। तोता अपने आम के पेड़ से लिपटकर खुशी के गीत गाने लगा। जंगल में खुशियां लौट आयी। इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि बुरे वक्त में, हमें हमारे अपनों का साथ नहीं छोड़ना चाहिए। -सुलेना मजुमदार अरोरा और पढ़ें : बाल कहानी : जाॅनी और परी बाल कहानी : मूर्खता की सजा बाल कहानी : दूध का दूध और पानी का पानी Like us : Facebook Page #Acchi Kahaniyan #Bacchon Ki Kahani #Best Hindi Kahani #Hindi Story #Inspirational Story #Jungle Story #Kids Story #Lotpot ki Kahani #Mazedaar Kahani #Moral Story #Motivational Story #जंगल कहानियां #बच्चों की कहानी #बाल कहानी #रोचक कहानियां #लोटपोट #शिक्षाप्रद कहानियां #हिंदी कहानी #बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियां #बच्चों की कहानियां कार्टून #बच्चों की कहानियाँ पिटारा #बच्चों की नई नई कहानियां #बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ #बच्चों के लिए कहानियां You May Also like Read the Next Article