नादान बच्चों की समझदारी
गर्मी की छुट्टियां चल रही थीं और एक छोटे से गांव के बच्चों का गैंग खेल-कूद में व्यस्त था। इस गैंग में कुल चार दोस्त थे—चिंटू, मिंटू, पिंकी, और राजू। हर दिन नई शरारत और मजेदार खेल इनके एजेंडे में होता।
गर्मी की छुट्टियां चल रही थीं और एक छोटे से गांव के बच्चों का गैंग खेल-कूद में व्यस्त था। इस गैंग में कुल चार दोस्त थे—चिंटू, मिंटू, पिंकी, और राजू। हर दिन नई शरारत और मजेदार खेल इनके एजेंडे में होता।
एक छोटे से कस्बे में आर्यन नाम का एक होशियार और समझदार बच्चा अपनी मां के साथ बाजार गया। दोनों एक मिठाई की दुकान पर गए। दुकान पर मिठाइयों के साथ-साथ रंग-बिरंगी टॉफियां भी सजी हुई थीं।
एक बार की बात है, जंगल में तीन बैल रहते थे। वे बहुत अच्छे दोस्त थे और हमेशा साथ रहते थे। जहां भी जाते, साथ में चरते, खेलते, और एक-दूसरे का ध्यान रखते। उनकी एकता और दोस्ती इतनी गहरी थी
गांव के पास एक छोटा-सा कस्बा था, जहां रामू नाम का एक साधारण लड़का रहता था। रामू गरीब था, लेकिन उसकी सबसे बड़ी खासियत थी उसकी ईमानदारी। वह गांव वालों के काम में मदद करके अपना गुजारा करता था।
एक बार की बात है, एक तेली के पास कोल्हू का बैल था। बैल पूरे दिन तेल निकालने के लिए कोल्हू घुमाता रहता था। तेली ने बैल की आँखों पर पट्टी बांध रखी थी, ताकि बैल यह न समझ सके कि वह सिर्फ एक ही जगह पर घूम रहा है।
एक बार की बात है, एक हरा-भरा जंगल था जहां कई जानवर मिल-जुलकर रहते थे। एक बड़े पेड़ की ऊंची डाल पर एक चालाक कौवा रहता था। वह अपने भोजन को चुराने से लेकर बचाने तक के लिए मशहूर था।
एक बार की बात है, गर्मी का मौसम अपने चरम पर था। सारे तालाब और झीलें सूख चुकी थीं। सूरज की तपिश इतनी तेज थी कि जानवरों और पक्षियों को पीने का पानी मिलना मुश्किल हो गया था।