Moral Story : लड़का और बिच्छू
ह कहानी सूरज नाम के एक लड़के की है जो एक छोटे से गाँव में रहता था। सूरज एक बहुत ही खुशमिजाज़ बच्चा था जिसे हँसना-हँसाना और मज़ाक करना बहुत पसंद था। वह अपने दोस्तों के साथ खेलने में बहुत समय बिताता था।
ह कहानी सूरज नाम के एक लड़के की है जो एक छोटे से गाँव में रहता था। सूरज एक बहुत ही खुशमिजाज़ बच्चा था जिसे हँसना-हँसाना और मज़ाक करना बहुत पसंद था। वह अपने दोस्तों के साथ खेलने में बहुत समय बिताता था।
बात पिछली सर्दी की है। उस रात बहुत ज्यादा ठंड थी। अपनी मम्मी के कई बार मना करने पर भी अशोक अपने दोस्त की जन्मदिन की पार्टी में शामिल होने चला गया था। पार्टी खत्म होते-होते रात के दस बज गये थे।
किसी गांव में डिसिल्वा, फ्रांसिस, लोबो और जॉन नाम के चार दोस्त रहा करते थे। ये चारों एक ही कक्षा में पढ़ते थे और साथ-साथ गांव के पास के स्कूल में जाते थे।
राहुल और राशिद एक ही कक्षा में साथ साथ पढ़ते थे। वे दोनों ही स्कूल की हाॅकी टीम के सदस्य भी थे। दोनों ही बहुत अच्छे खिलाड़ी थे। पूरे जिले में वे दोनो शार्प शूर्टस के नाम से मशहूर थे।
धनपुर नामक एक छोटे से गांव में लोग दयालु थे, भले ही उनके पास बहुत कुछ नहीं था। वहां अरुण नाम का एक लड़का रहता था, जिसके पिता किसान थे। अरुण वाकई पायलट बनना चाहता था
जंगल के एक कोने में एक प्यारा सा खरगोश रहता था, जिसका नाम था गोलू। गोलू बहुत चंचल और शरारती था। वह हमेशा जंगल के बाकी जानवरों को तंग करने में लगा रहता।
महाराजाधिराज विक्रमध्वज वृद्ध हो चले थे। अतः वे चाहते थे कि उनके तीन युवा पुत्रों वीरध्वज, शूरध्वज तथा धीरध्वज में से कोई एक यथाशीघ्र राज्य की सत्ता संभाल ले।