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बंदर जी
बंदर जी
बंदर जी ने जीते इलेक्शन मंत्री पद को पाया,
रिश्वत खोरी घूसखोरी से पैसा खूब बनाया।
जनता का कुछ ध्यान न रखा खाकर हुए मुटल्ले,
रोज विधान सभा में करते मारपीट हो हल्ले।
पांच साल के बाद हुआ जब फिर से नया चुनाव,
झट से बैठे मारुति में पहुंच गये फिर गांव।
मंच बना फिर माईक आयी लगे पाठ दोहराने,
मीठी मीठी बातों से जनता को लगे लुभाने।
पर जनता ने पकड़ के उनकी कर दी खूब पिटाई,
अब ना दाल गलेगी अपनी बात समझ में आयी।
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