Bal Kavita: शेर की मौसी By Lotpot 27 Nov 2023 in Poem New Update शेर की मौसी मखमल जैसा कोट पहन कर, रोज रात को मेरे घार में, एक बिल्ली आती है, म्याऊँ-म्याऊँ करती है, और शीशे जैसी आँखें चमकाती है। उछल-कूद मचाती घर में, चूहे खूब भगाती है, दिखती तो है भोली-भाली, पर होती है, बड़ी सियानी, दूध मलाई खा जाती है। जब भी उसे पकड़ना चाहूँ, चकमा मुझे दे जाती है, होती तो है दुबली पतली, पर शेर की मौसी कहलाती है। lotpot-e-comics | hindi-bal-kavita | kids-poem | Poem on Cat | लोटपोट | baal-kvitaa | hindii-baal-kvitaa | entertaining-kids-poem यह भी पढ़ें:- Bal Kavita: कंजूस का सपना Bal Kavita: सरपंच महोदय Bal Kavita: टी.वी. Poem: खूब करो मिलकर सफाई #entertaining kids poem #lotpot E-Comics #bal kavita #Poem on Cat #Hindi Bal Kavita #लोटपोट #बाल कविता #हिंदी बाल कविता #Lotpot # kids poem You May Also like Read the Next Article