Poem: खूब करो मिलकर सफाई

By Lotpot
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Earth saying no to Plastic

खूब करो मिलकर सफाई

सुन ले ओ माय डियर सिस्टर,
सुन ले तू ओ मेरे भाई।

जग को अच्छा रखना है तो,
खूब करो मिलकर सफाई।

कूड़ा फेंकों कूड़ेदान में,
इधर-उधर ना उसको फैलाएं।
गंदगी को खुद से दूर भगाकर,
स्वच्छता को हम अपनाएं।

कूड़ा कूड़ेदान में डालने, 
मै उसको अपने घर से लाई।
जग को अच्छा रखना है तो,
खूब करो मिलकर सफाई।

 साफ रहेगा जब घर-घर,
 तभी मोहल्ला साफ होगा।
फिर शहर साफ बनेंगे और स्वच्छ, 
भारत के नारे से इंसाफ होगा।

बात बड़ी थी भैया, 
पर समझ बहुत देर से आई।

जग को अच्छा रखना है, 
तो खूब करो मिलकर सफाई।।

अपना कूड़ा खुद साफ करेंगे, 
कसम हम यह खाते हैं।
देश को करने साफ हम,
हाथों में झाड़ू पोंचा उठाते हैं।

आओ मिलकर हम सब, 
बाजा दें स्वच्छता की अब शहनाई।
जग को अच्छा रखना है तो, 
खूब करो मिलकर सफाई।

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