दीपों का त्योहार - दिवाली कविता

दिवाली कविता- यह कविता बच्चों को दिवाली के त्योहार का महत्व समझाने के लिए लिखी गई है। दिवाली सिर्फ रोशनी और मिठाइयों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है।

By Lotpot
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Festival of Lights  Diwali Poem
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कविता

दिवाली कविता- यह कविता बच्चों को दिवाली के त्योहार का महत्व समझाने के लिए लिखी गई है। दिवाली सिर्फ रोशनी और मिठाइयों का त्योहार नहीं है, बल्कि यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है। कविता में दीप जलाने, रंगोली सजाने, मिठाइयों का आनंद लेने और पटाखों की धूमधाम के साथ-साथ लक्ष्मी माता का आशीर्वाद पाने की बात की गई है। इसके माध्यम से बच्चों को यह संदेश दिया गया है कि दिवाली के दौरान हमें सच्चाई की राह पर चलना चाहिए और अपने जीवन में अंधकार को दूर करना चाहिए।

रौशनी का त्योहार आया,
खुशियों का पैगाम लाया।
दीप जलें हर घर आँगन,
धूमधाम से मने यह सावन।

लक्ष्मी माँ का रहेगा वास,
पूरी होगी सबकी आस।
अंधियारे को दूर भगाएँ,
सपनों में रौशनी सजाएँ।

फूलझड़ी और पटाखे छूटे,
बच्चे खुशी से दिल में झूमें।
रंगोली से सजे घर द्वार,
दिवाली का ये खास त्यौहार।

Festival of Lights  Diwali Poem

मिठाई की मिठास बढ़ाए,
सबको अपने पास बुलाए।
प्यार और अपनापन बढ़ाए,
हर दिल में उमंग जगाए।

बुराई पर हो जीत हमारी,
सच की राह पर चले सवारी।
सजाएँ हम दीपक हर ओर,
दिवाली से जुड़े हर दिल की डोर।