माँ की दुनिया हिंदी बाल कविता

यह कविता माँ के निःस्वार्थ प्रेम, त्याग और बच्चों के प्रति उनकी अनमोल भावनाओं का वर्णन करती है। माँ अपनी सारी खुशियाँ और सुख अपने बच्चों के लिए न्योछावर कर देती हैं।

By Lotpot
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Mother World Hindi Children Poem

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माँ की दुनिया हिंदी बाल कविता  :- यह कविता माँ के निःस्वार्थ प्रेम, त्याग और बच्चों के प्रति उनकी अनमोल भावनाओं का वर्णन करती है। माँ अपनी सारी खुशियाँ और सुख अपने बच्चों के लिए न्योछावर कर देती हैं। बच्चों की भूख, दर्द और परेशानियों को माँ बिना कहे समझ लेती है। उनका जीवन बच्चों के इर्द-गिर्द घूमता है। इस कविता में एक बच्चे का अपनी माँ के प्रति भावुक स्मरण और उनकी अनुपस्थिति का दर्द भी झलकता है। यह कविता माँ के त्याग और उनके बलिदान को समझने और उनकी अहमियत को याद दिलाने का संदेश देती है। 

हिंदी बाल कविता 

माँ की दुनिया उसके बच्चों से शुरू होती है,
और बच्चों पर ही आकर ख़त्म हो जाती है।
चोट मुझे लगती है, पर दर्द उन्हें होता है,
थप्पड़ मारती हैं, पर ख़ुद भी आंसू रोती हैं।

दरवाज़े पर पहुंचते ही बस्ता हमारा थाम लेती हैं,
पापा की डांट से कैसे भी हमें बचा लेती हैं।
मेरी भूख का अहसास उन्हें पहले से ही होता है,
मैं कितना खाऊंगा, यह पहले से ही जानती हैं।

हर निवाले में उनकी ख़ुशियाँ छिपी होती हैं,
जब मुझे खिलाती हैं, चेहरे पर सुकून झलकती हैं।
गुस्से में भी कभी हमें भूखा नहीं छोड़तीं,
एक निवाले के बदले दो और खिलातीं।

अपने हिस्से की रोटी भी हमें दे देती हैं,
त्याग की मूरत, अपने लिए कुछ नहीं रखतीं।
अब माँ नहीं है, यह सोचकर दिल रो देता है,
कैसे पुकारूँ माँ, जब वह अब साथ नहीं होतीं।
माँ की दुनिया उसके बच्चों पर ही सिमट जाती है।

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