Moral Story: साधु
अकबर ने अपना शासन तेरह साल की उम्र में संभाला था। अपने शासन में अकबर ने कई बड़े अंपायर बनाए। वह अकल्पनीय चमक में रहते थे। उनके आसपास ढेरों सेवक रहते थे और उनके सेवक उनके हर शब्द को मानते थे।
अकबर ने अपना शासन तेरह साल की उम्र में संभाला था। अपने शासन में अकबर ने कई बड़े अंपायर बनाए। वह अकल्पनीय चमक में रहते थे। उनके आसपास ढेरों सेवक रहते थे और उनके सेवक उनके हर शब्द को मानते थे।
दीपू के कई मित्र थे। वह विद्यालय का सबसे प्रसिद्ध लड़का था। वह पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी सदैव आगे रहता था। वह कक्षा के सभी विधार्थियों से बड़े प्रेम से बात करता। उसकी बोली में रस घुलता था।
एक दिन एक गधे और लोमड़ी ने शेर के साथ एक समझौता किया कि वह तीनों अपने लिए एक साथ जंगल में खाने की तलाश करेंगे। उन्हें लगा कि एक साथ खाने की तलाश करने से उन्हें कुछ न कुछ खाने को मिल जाएगा और उन्हें भूखा नहीं रहना पड़ेगा।
माधव गरीब था, मगर वह मेहनती लकड़हारा था। वह राजगृह के साम्राज्य के पास एक गांव में रहता था। उसे काम करते हुए गाना गाने की आदत थी। उसका एक बेटा था, जिसका नाम किशन था।
शैल और शीला के नाम मिलते-जुलते से थे। इसलिए नहीं की उनकी राशि एक थी बल्कि इसलिए कि वे जुड़वा थे उनमें अन्य भाई बहनों की तरह झगड़े नहीं होते थे। वे अच्छे दोस्तों की तरह रहते थे।
मनोहारी वन में एक बड़ा तालाब था। उस तालाब के किनारे एक दुर्बुद्धी नामक बगुला रहता था। वह बूढ़ा था इसलिये असमर्थ था। बूढ़ा होने पर अधिक मछलियाँ नहीं पकड़ सकता था।
बहुत पहले की बात है। चंपक वन में भाँति-भाँति प्रकार के पौधे थे। इस वन में पक्षीराज गरूड़ रहा करते थे। वे बड़ी पारखी नजर रखते थे। पंछियों के गुण दोष वे एक नजर मे ही परख लिया करते।