जंगल कहानी - दोस्ती का असली मतलब
एक बार की बात है, एक घने जंगल में कई जानवर रहते थे। वहां का जीवन शांत और हरा-भरा था। उस जंगल में एक खरगोश "चिक्कू" और एक कछुआ "टोनी" बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों हर समय साथ रहते, साथ खाते-पीते और खेलते थे।
एक बार की बात है, एक घने जंगल में कई जानवर रहते थे। वहां का जीवन शांत और हरा-भरा था। उस जंगल में एक खरगोश "चिक्कू" और एक कछुआ "टोनी" बहुत अच्छे दोस्त थे। दोनों हर समय साथ रहते, साथ खाते-पीते और खेलते थे।
दो बड़ी मछलियां सहसराबुद्धि और सताबुद्धि एक बड़े तालाब में रहती थी। दोनों एक मेंढक एकाबुद्धि की बहुत अच्छी दोस्त थी। तीनों तालाब में बहुत अच्छा वक्त बीताते थे।
जंगल में एक नटखट गधा अपनी शरारतों के लिए मशहूर था। उसकी हरकतें जानवरों को परेशान कर देती थीं। एक दिन उसे एक चमत्कारी चश्मा मिलता है, जो उसे हर चीज़ का असली रूप दिखाता है।
एक घना जंगल था, जहाँ अलग-अलग तरह के जानवर रहते थे। उसी जंगल में मोनू नाम का एक चालाक बंदर भी रहता था। मोनू अपनी शरारतों और चतुराई के लिए पूरे जंगल में मशहूर था।
चंपकपुर जंगल में जानवरों की मस्ती का कोई जवाब नहीं था। यहां के जानवर हंसी-खुशी अपना जीवन बिताते थे। जंगल के दो सबसे मजेदार साथी थे - मोंटी बंदर और भोलू गधा।
भेड़िया कई दिनों से बीमार था। इस कारण वह शिकार करने में असमर्थ था। जब वह कई दिनों से भूखा हो गया, तो भूख सहन न होने के कारण वह शिकार की तलाश में निकल पड़ा।
Web Stories : जंगल के पास एक बड़ा सा तालाब था, जिसमें रहता था हंसराज। हंसराज एक मोटा-तगड़ा, आलसी और बेहद मस्तीखोर हंस था। वह दिनभर पानी में तैरता, मछलियां