जंगल की कहानी : हंस चला जंगल के स्कूल
जंगल के पास एक बड़ा सा तालाब था, जिसमें रहता था हंसराज। हंसराज एक मोटा-तगड़ा, आलसी और बेहद मस्तीखोर हंस था। वह दिनभर पानी में तैरता, मछलियां खाता और अपनी टोली के साथ गप्पें मारता।
जंगल के पास एक बड़ा सा तालाब था, जिसमें रहता था हंसराज। हंसराज एक मोटा-तगड़ा, आलसी और बेहद मस्तीखोर हंस था। वह दिनभर पानी में तैरता, मछलियां खाता और अपनी टोली के साथ गप्पें मारता।
जंगल के किनारे, एक प्यारा खरगोश और एक चतुर गिलहरी रहते थे। दोनों अच्छे दोस्त थे, लेकिन उनकी आदतें और पसंद एक-दूसरे से बिल्कुल अलग थीं। खरगोश बहुत तेज दौड़ता था
जंगल के बीचो-बीच एक बड़ा राजा शेर रहता था, जिसका नाम था सिंघम। सिंघम शेर बहुत समझदार और ताकतवर था, लेकिन वह अब बूढ़ा हो चुका था। उसने सोचा कि अब समय आ गया है कि वह किसी नए और योग्य जानवर को जंगल का राजा चुने।
फुरफुरी वन में नया साल आने वाला था और सभी जानवर जोरों-शोरों से तैयारियों में जुटे थे। छोटे से चिल्लू गिलहरी की मम्मी ने भी अपने मेहमानों के स्वागत के लिए ढेर सारी मूंगफलियां खरीद रखी थीं।
एक बार की बात है, घने जंगल में एक छोटा सा हिरण था जिसका नाम था चंचल। चंचल हमेशा खेलने और उछलने में मस्त रहता था। एक दिन, वह जंगल में अपने दोस्तों के साथ छिपा-छिपी खेल रहा था।
किसी जंगल में एक छोटा सा खरगोश रहता था जिसका नाम था बन्नी। बन्नी बहुत ही मिलनसार और खुशमिजाज खरगोश था, और उसके बहुत से दोस्त थे। उसे अपने दोस्तों पर बहुत गर्व था
सही निर्णय का महत्व: गिलहरी की साहसिक कहानी - एक दिन की बात है, एक छोटी सी गिलहरी अपने पेड़ से कूदकर एक नए फल की खोज में निकल पड़ी। >>>>>>>>>>