जीवन का सच्चा आनंद
एक शाम का सुहाना मौसम था। नदी के किनारे सुनहरा आलोक फैला हुआ था, और हल्की ठंडी हवा में पेड़ों की पत्तियाँ सरसराहट कर रही थीं। सूरज डूबते हुए आकाश को लाल और नारंगी रंगों से रंग रहा था, और पक्षियों की चहचहाहट धीरे-धीरे शांत हो रही थी।