Stories हिंदी प्रेरक कहानी: मनुष्य का प्रथम गुण बंटी! चलो खाना खालो! अन्दर रसोई से मां ने बंटी को आवाज लगाई। नहीं, मैं खाना नहीं खाऊंगा बंटी ने अपने कमरे से ही मुंह फुलाए उत्तर दिया। क्यों! क्यों नहीं खाओगे? By Lotpot 02 Jul 2024
Stories हिंदी जंगल कहानी: मेहनत और किस्मत दीपावली के चार दिन रह गए थे लोटपोट के सभी बच्चों में उत्साह था। सबको अपने अपने घर से आतिशबाजी खरीदने के लिए पैसे मिल चुके थे। वीनू और टीनू को भी। By Lotpot 01 Jul 2024
Stories हिंदी नैतिक कहानी: दो पुत्रियों की माता अरी सुन! किसान ने पत्नी को पुकारा और बाल्टी में चूना घोलने लगा। पत्नी आवाज़ सुनकर आ गयी और किसान के कामों में सहयोग करने लगी। उसकी दो बेटियां भी थीं- फूलमती और वीरमती! By Lotpot 01 Jul 2024
Stories हिंदी नैतिक कहानी: द ग्रेटेस्ट टीचर उस दिन की दोपहर झामू (घर का नौकर) के लिए काफी व्यस्त थी क्योंकि वो पूरा दिन मूर्ति के पीछे भागता रहा। मूर्ति बड़ा ही शरारती बच्चा था और वो कभी किसी का कहा नहीं मानता था। By Lotpot 29 Jun 2024
Stories मजेदार हिंदी कहानी: सफाई प्रतियोगिता बगदाद देश का एक बादशाह साफ सफाई पसन्द करता था। उसको गन्दगी तनिक भी न सुहाती थी। एक दिन उसने अपने मुख्यमंत्री से कहा- "मंत्री जी! मैं आप को बड़ा बुद्धिमान समझता हूं। By Lotpot 29 Jun 2024
Stories हिंदी नैतिक कहानी: मेहनत का फल रामू पढ़ाई में बहुत ही होशियार था उसके मन में बहुत उम्मीदें थीं, कि वह पढ़ लिखकर बड़ा आदमी बनेगा। पर वह हमेशा उदास रहता था परीक्षा निकट थी रामू की मां ने देखा वह हमेशा चुप उदास बैठा आसमान देखा करता है। By Lotpot 28 Jun 2024
Stories हिंदी जंगल कहानी: बुराई का नतीजा एक घने वन में एक हरीश नामक हिरण और कालू कौआ दोनों रहते थे, दोनों में गहरी दोस्ती थी कालू कौआ सुबह उठकर ऊंचा उड़ता और हरी भरी घास का पता लगाता। By Lotpot 28 Jun 2024
Stories हिंदी जंगल कहानी: हिसाब बराबर हाथी दादा की दुकान पर जिराफ काका पहुंचे। यह बाल्टी कितने की है? जिराफ काका ने एक बड़ी बाल्टी को उलट पुलट कर पूछा, दो सौ रूपये की है। हाथी दादा ने कहा, बहुत मजबूत है। By Lotpot 26 Jun 2024
Stories हिंदी नैतिक कहानी: अपनी अपनी रूचि रीता और रंजन भाई-बहन थे। उनके पिता जी का तो व्यापार था। इसलिए वे अपने व्यापार में व्यस्त रहते थे। महीने में पंद्रह दिन तो व्यापार के सिलसिले में बंगलौर रहते थे। घर में मां का ही हुक्म चलता था। By Lotpot 26 Jun 2024