Fun Story: कैद से मुक्ति
एक नगर में एक महात्मा जी कथा सुनाने हेतु पधारे। लोग रोज़ रात्रि को उनका प्रवचन सुनते और रोज़ कोई न कोई उन्हें अपने घर भोजन के लिये आमंत्रित करता महात्मा जी ज़िन्दगी में बहुत सादे और बुद्धिमान तथा ज्ञान में बहुत ही महान थे।
एक नगर में एक महात्मा जी कथा सुनाने हेतु पधारे। लोग रोज़ रात्रि को उनका प्रवचन सुनते और रोज़ कोई न कोई उन्हें अपने घर भोजन के लिये आमंत्रित करता महात्मा जी ज़िन्दगी में बहुत सादे और बुद्धिमान तथा ज्ञान में बहुत ही महान थे।
बंटी बंदर व शंटी लंगूर ने एक मारधाड़ वाली फिल्म देखी, फिल्म में उन्होंने देखा कि किस तरह कुछ डाकुओ ने पिस्तौल दिखाकर कई लोगों को लूटा और चलते बने।
एक दिन बीरबल दरबार में देर से पहुँचा। जब बादशाह ने देरी का कारण पूछा तो वह बोला, ‘‘मैं क्या करता हुजूर! मेरे बच्चे आज जोर-जोर से रोकर कहने लगे कि दरबार में न जाऊं।
‘‘तुम कब बड़े होगे"? दिन में कई बार राजा को अपनी मां से ये वाक्य सुनना पड़ता था। राजा तेरह साल का था। उसे एक बड़ी अजीब परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा था।
बहुत समय पहले की बात है। एक सुंदर हरे-भरे वन में चार मित्र रहते थे। उनमें से एक था चूहा, दूसरा कौआ, तीसरा हिरण और चैथा कछुआ। अलग-अलग जाति के होने के बावजूद उनमें बहुत घनिष्टता थी।
यह गर्मियों की एक दोपहर की बात है स्कूल खत्म करके रमेश घर वापिस जा रहा था। हैडमास्टर होने के कारण वह सबसे आखिर में स्कूल से निकलता था। अचानक उसके स्कूटर का हैंडल हिलने लगा।
एक बार देव शर्मा नाम का एक साधु हुआ करता था, जो शहर से दूर एक मंदिर में रहता था। वह लोगों के बीच काफी चर्चित और सम्मानित भी था। लोग उपहार, खाद्य सामग्री और पैसे लेकर उनसे मिलने और उनका आर्शीवाद लेने आते थे।