हिंदी जंगल कहानी: पिकनिक और टैक्स
Web Stories: रूमा गिलहरी फुदक-फुदक कर अमरूद इकट्ठे कर रही थी। कभी इस डाल पर तो कभी उस डाल पर, बेचारी थक कर चूर हो गई थी। "क्या बात है रूमा बहन? आज अचानक इतनी दौड़-धूप?"
Web Stories: रूमा गिलहरी फुदक-फुदक कर अमरूद इकट्ठे कर रही थी। कभी इस डाल पर तो कभी उस डाल पर, बेचारी थक कर चूर हो गई थी। "क्या बात है रूमा बहन? आज अचानक इतनी दौड़-धूप?"
Web Stories: बहुत समय पहले की बात है। ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों के बीच स्थित घाटी में एक कबीला था। कबीले के व्यक्तियों का जीवन जंगल की लकड़ियों पर निर्भर था। वे लकड़ी की खूबसूरत
Web Stories: एक महर्षि थे। उनकी काफी ख्याति थी। कृष्णा नदी के किनारे उनका आश्रम था, जहां कई शिष्य रहकर विद्याध्ययन करते थे। एक दिन महर्षि ने अपने एक शिष्य से कहा, निकट
गर्मी की छुट्टियां ख़त्म हो चुकी थीं, सभी स्कूल खुल चुके थे। नीटू और टीटा का स्कूल भी खुल गया था, स्कूल खुले 20 दिन हो चुके थे। नीटू और टीटा रोज़ स्कूल टाइम पर पहुँच जाते थे।
गर्मी का मौसम चल रहा था टीटा नीटू के घर पर गेम खेलने आया हुआ था। पूरी दोपहर गेम खेलने के बाद जब टीटा बहार निकला तो उसने देखा कि गेट के बाहर एक बहुत बड़ा सा आम रखा हुआ है।
एक दिन की बात है नीटू अपने दोस्तों के साथ गार्डन में टहल रहा था, तभी पीछे से बहुत जोर से हंसने की आवाज़ आई हा हा हा..आंखफोड़वा हूं मैं डाॅक्टर डेविल का सेनापति।
संडे का दिन था नीटू घर में बैठा बैठा बोर हो रहा था, तभी उसे ध्यान आया कि उसने अपने आई पैड में एक नया गेम डाउनलोड किया है। वह तुरंत अपना आई पैड उठा कर टेबल पर बैठ जाता है।