Jungle Story: घमंडी जिराफ कैसे सुधरा
मिंटू जिराफ इतना बदमाश एवं घमंडी हो गया था की दिनों-दिन उसकी शैतानी बढ़ती जा रही थी। वह जवान भी हो चला था। उसका शरीर बलवान एवं ताकतवर बनता जा रहा था। जंगल के जानवर अपनी गर्दन ऊंची करके ही उससे आँखे मिला पाते थे।
मिंटू जिराफ इतना बदमाश एवं घमंडी हो गया था की दिनों-दिन उसकी शैतानी बढ़ती जा रही थी। वह जवान भी हो चला था। उसका शरीर बलवान एवं ताकतवर बनता जा रहा था। जंगल के जानवर अपनी गर्दन ऊंची करके ही उससे आँखे मिला पाते थे।
चलते-चलते अचानक ऋतु बिल्ली रूक गई। सामने से उसकी पुरानी सहेली चिंकी जा रही थी। ऋतु ने जोर से आवाज लगायी, “अरे ओ चिंकी! कैसी है, कहां जा रही है? आजकल दिखायी नहीं देती।'' चिंकी रास्ता पार करके ऋतु के पास आती है।
एक था नंदन वन उसमें रहने वाले चीकू और मीकू खरगोश बहुत पक्के मित्र थे। दिन भर दोंनों मित्र खूब उछल-कूद मचाते और शाम होते ही घर लौट आते। चीकू बहुत बुद्धिमान था, लेकिन डरपोक और आलसी था।
नंदन वन में एक सियार रहता था। वह चालाक और चुगलखोर था। एक दिन वह शाम के समय कानन झील से गुजर रहा था। उस झील में थोड़ा सा पानी बचा हुआ था। गर्मी इतनी पड़ रही थी कि पेड़ पौधों में सूखा पड़ गया था।
वन मे कुछ दिन से चोरी होना शुरू हो गयी थी। छोटी से बड़ी चीज तक रोज रोज चोरी होने लगी। एक दिन भालू का पेन सैट चोरी हो गया एक दिन हिरन के घर से हिरनी के जेवर गायब हो गए।
एक नन्हा परिंदा उड़ान भरने की कोशिश करता लेकिन बार-बार कुछ ऊपर उठकर गिर जाता दूर से एक अनजान परिंदा अपने मित्र के साथ बैठा यह सब गौर से देख रहा था। कुछ देर बाद वह उसके करीब पहुंचा।
किसी जंगल में एक बहुत बड़ा तालाब था। तालाब के पास एक बगीचा था, जिसमे अनेक प्रकार के पेड़ पौधे लगे थे। दूर-दूर से लोग वहाँ आते और बगीचे की तारीफ करते।