मजेदार हिंदी कहानी: बीरबल और दर्जी
एक बार बेगम साहिबा को चीन की महारानी ने एक बहुमूल्य सिल्क के कपड़े का टुकड़ा भेंट दिया था। बेगम साहिबा ने बीरबल को बुलाया और उसे कहा कि वह उनके लिए इस कपड़े की सुंदर पोशाक तैयार करवाएं।
एक बार बेगम साहिबा को चीन की महारानी ने एक बहुमूल्य सिल्क के कपड़े का टुकड़ा भेंट दिया था। बेगम साहिबा ने बीरबल को बुलाया और उसे कहा कि वह उनके लिए इस कपड़े की सुंदर पोशाक तैयार करवाएं।
एक बार एक सज्जन पुरूष दिल्ली से अम्बाला जा रहे थे। दिसम्बर का महीना था और जनाब थे भी मोटर साईकिल पर सवार। अगर एक मुसीबत हो तो भुगत ली जाये लेकिन यहाँ मुसीबतें थी।
बीरनचक राज्य में बहुत जोरों की बारिश हो रही थी। पांच दिनों से लगातार हो रही बारिश बंद होने का नाम ही नहीं ले रही थी। चारों ओर पानी ही पानी भर गया। सातवें दिन बारिश बंद तो हो गई, मगर तब तक वहां बाढ़ आ गई।
अरे! यह क्या हो गया तुम्हें यह चोट कैसे लगी? किशोर की बुरी हालत देख कर सारा परिवार उसकी ओर बाहर भागा। देखा तो किशोर कई जगह से चोटिल दिखाई दिया। सड़क पर गिर जाने से यह चोटें आई हैं।
बादशाह शाहजहां के चार लड़के थे- दारा, शुजा, मुराद और औरंगजेब। इनमें से किसी को राज्य का उत्तराधिकारी बनाना था। बादशाह ने स्वयं कई दिनों तक इस प्रश्न पर विचार किया।
प्राचीन काल में यज्ञदत्त नामक एक वेद ब्राहमण थे। उन्होंने अपने ज्ञान और प्रतिभा से पर्याप्त सम्पत्ति भी अर्जित की थी। उसकी पत्नी भी सुन्दर, सुशील तथा सुशिक्षित थी। उनके एक पुत्र था गुणनिधी।
राजस्थान की एक रियासत पर श्यामराज नाम का राजा राज करता था। वह जितना अधिक शक्तिशाली था, उतना ही अच्छा चित्रकार भी था। उसे नए-नए भवन बनवाकर उसमें चित्रकारी करने का शौक था।