Fun Story: योग्यता का लोहा
अकबर शहंशाह चांदनी महल में अपने नौ रत्नों के साथ बैठे हुए थे। उन्होंने पूछा “फूल किसका अच्छा? मिठास किसकी अच्छी? पत्ता किसका अच्छा? और राजा कौन सा अच्छा?
अकबर शहंशाह चांदनी महल में अपने नौ रत्नों के साथ बैठे हुए थे। उन्होंने पूछा “फूल किसका अच्छा? मिठास किसकी अच्छी? पत्ता किसका अच्छा? और राजा कौन सा अच्छा?
गिरधारी लाल, अमीर होने के बावजूद अपने मुहल्ले के सबसे कंजूस व्यक्ति थे। उनकी कंजूसी की चर्चा दूर-दूर तक फैली हुई थी। कंजूस तो वे इतने थे कि कंजूस की उपाधि भी उनके सामने फीकी पड़ती थी।
बहुत पुरानी बात है। हमारे गांव में एक सज्जन रहते थे, नाम था उनका मुंशी सजधज लाल, जैसा नाम था, वैसा ही काम भी था, मुंशी जी घर से बाहर जब भी निकलते, तब रेशमी कुर्ता, साफ सुथरी धोती पहनते।
किसी गांव में धनीराम नाम का एक किसान रहता था। बह 50 बीघा जमीन का मालिक था। उसका एक खेत मुख्य सड़क के किनारे पर था। उस खेत की फसल की रखवाली वह स्वयं करता था।
गोटू और मोटू जोकर थे। और वे डंबो सर्कस में काम करते थे। वे दोनों अच्छे मित्र थे। गोटू बहुत लंबा और पतला था, जबकि मोटू छोटा व मोटा था। एक दिन गोटू और मोटू सर्कस में करतब दिखा रहे थे।
पंडित रामगुनी को होली के रसरंग से सख्त नफरत थी। वे इसे गंवारों का त्यौहार मानकर इससे कोसों दूर रहते। इस दिन सुबह से ही बैठक के भारी भरकम दरवाजे की कुंडी चढ़ाकर आराम से लेट जाते फिर किसकी औकात।
कंस ने मथुरा के राजा वासुदेव से उनका राज्य छीनकर अपने अधीन कर लिया स्वयं शासक बनकर आत्याचार करने लगा। एक भविष्यवाणी द्वारा उसे पता चला कि वासुदेव और देवकी का आठवाँ पुत्र उसके विनाश का कारण होगा।