दो बिल्लियां और समझदारी का सबक
एक घना जंगल था, जहाँ तरह-तरह के जानवर रहते थे। उन्हीं में दो बिल्लियाँ, मीना और टीना, बहुत अच्छी दोस्त थीं। दोनों साथ में खेलतीं, दौड़तीं और एक-दूसरे के साथ अपनी छोटी-छोटी खुशियाँ बांटती थीं।
एक घना जंगल था, जहाँ तरह-तरह के जानवर रहते थे। उन्हीं में दो बिल्लियाँ, मीना और टीना, बहुत अच्छी दोस्त थीं। दोनों साथ में खेलतीं, दौड़तीं और एक-दूसरे के साथ अपनी छोटी-छोटी खुशियाँ बांटती थीं।
घने जंगल में एक बड़ा सा बरगद का पेड़ था। उसी के पास एक आलसी भालू भोलू रहता था। भोलू को सोना और आराम करना बहुत पसंद था। वह खाने के लिए भी ज्यादा मेहनत नहीं करता था
एक घने जंगल में सभी जानवर खुशी-खुशी रहते थे। वहां शेर, हाथी, हिरण, बंदर, और खरगोश जैसे अनेक जानवर थे। जंगल में हर साल एक बड़ा खेल प्रतियोगिता होती थी, जिसमें सभी जानवर भाग लेते थे।
पतझड़ का मौसम अपने अंतिम चरण में था। जंगल के हर कोने में हलचल थी। सभी जानवर और कीड़े-मकोड़े सर्दियों के लिए अपने भोजन का भंडारण कर रहे थे। पक्षी पत्तियों से गिरे बीज उठा रहे थे,
एक घने जंगल में, दो उल्लू एक पुराने पेड़ की मोटी डाल पर आ बैठे। दोनों उल्लू अपने-अपने शिकार को पकड़े हुए थे। पहले उल्लू के मुँह में एक फुफकारता हुआ साँप था, जो उसके सुबह के नाश्ते के लिए लाया गया था।
जंगल का एक कोना हमेशा शांत रहता था। यहां ऊँचे-ऊँचे पेड़, मीठे झरने, और पक्षियों की चहचहाहट का साम्राज्य था। इसी जंगल में एक छोटी सी चींटी रहती थी, जिसका नाम मिठू था।
बच्चों आज हम आपको शेर और बकरी की एक कहानी सुनाते हैं। उस दिन जंगल के राजा शेर को कोई शिकार नहीं मिला। भूख के मारे वो जंगल से बाहर आ कर शिकार ढूंढने लगा।