Jungle Kahani : हंस और उल्लू
बहुत समय पहले की बात है। एक शांत और सुंदर झील के किनारे एक हंस और उल्लू रहते थे। दोनों में गहरी दोस्ती थी और वे साथ में अपना समय खुशी-खुशी बिताते थे। दिन के समय हंस झील में तैरता और उल्लू पेड़ की शाखाओं पर आराम करता।
बहुत समय पहले की बात है। एक शांत और सुंदर झील के किनारे एक हंस और उल्लू रहते थे। दोनों में गहरी दोस्ती थी और वे साथ में अपना समय खुशी-खुशी बिताते थे। दिन के समय हंस झील में तैरता और उल्लू पेड़ की शाखाओं पर आराम करता।
एक समय की बात है, एक छोटे से गांव में "मोती" नाम का एक कबूतर रहता था। मोती अपने सुंदर सफेद पंखों और होशियारी के लिए जाना जाता था। लेकिन उसकी खासियत थी उसकी चतुराई।
एक घने जंगल के किनारे, बांस की झाड़ियों के बीच चुहिया रानी का छोटा सा घर था। चुहिया रानी, जो सबकी प्यारी और शरारती थी, दिन भर इधर-उधर उछल-कूद करती रहती।
किसी घने जंगल में एक बहुत बड़ा पेड़ था। उस पेड़ पर कई बगुलों के परिवार बसे हुए थे। बगुले दिनभर तालाबों और नदियों के किनारे जाकर मछलियां पकड़ते और अपना जीवन खुशी-खुशी बिताते।
ब्रह्मारण्य नामक एक जंगल था। उसमें गजराज नाम का एक बलशाली हाथी रहता था। देह में और शक्ति में सबसे बड़ा होने से जंगल में उसका बहुत रौब था। उसे देख सारे बाकी पशु प्राणी उससे दूर ही रहते थे।
नए साल की पहली किरण जैसे ही आसमान में टिमटिमाने लगी, गुलमोहर के पेड़ पर सोया किटू बंदर तुरंत जाग गया। उछलकर जोर से चिल्लाया, "जंगल के सभी प्राणियों की ओर से, सूरज दादा, मैं तुम्हें बधाई देता हूं।"
कुत्ते का एक छोटा-सा पिल्ला अपने माता-पिता के साथ जंगल के पास रहता था। एक दिन उसके माता-पिता खाना ढूंढने के लिए निकले। शाम होने लगी लेकिन वे वापिस नहीं आए। पिल्ले को डर लगने लगा।