हिंदी नैतिक कहानी: अपनी अपनी रूचि
Web Stories: रीता और रंजन भाई-बहन थे। उनके पिता जी का तो व्यापार था। इसलिए वे अपने व्यापार में व्यस्त रहते थे। महीने में पंद्रह दिन तो व्यापार के सिलसिले में बंगलौर रहते
Web Stories: रीता और रंजन भाई-बहन थे। उनके पिता जी का तो व्यापार था। इसलिए वे अपने व्यापार में व्यस्त रहते थे। महीने में पंद्रह दिन तो व्यापार के सिलसिले में बंगलौर रहते
Web Stories यह कहानी एक मनुष्य, उसके कुत्ते और सुअर की है। मनुष्य दोनों से काम की अपेक्षा करता है, लेकिन कुत्ता चालाकी से सुअर के मेहनती काम को अपने नाम कर लेता है। सुअर की मेहनत पर कुत्ते के पैरों के निशान छा जाते हैं
यह कहानी एक मनुष्य, उसके कुत्ते और सुअर की है। मनुष्य दोनों से काम की अपेक्षा करता है, लेकिन कुत्ता चालाकी से सुअर के मेहनती काम को अपने नाम कर लेता है। यह कहानी मेहनत, चालाकी और न्याय की गहरी सीख देती है।
Web Stories: एक बार बेगम साहिबा को चीन की महारानी ने एक बहुमूल्य सिल्क के कपड़े का टुकड़ा भेंट दिया था। बेगम साहिबा ने बीरबल को बुलाया और उसे कहा।
Web Stories: जंगल में दो प्रकार के जानवर थे। शेर-चीता आदि मासांहारी थे, हिरण, नीलगाय, खरगोश, कछुआ आदि शाकाहारी वन्य प्राणी थे। दोनों वर्गों के प्राणी एक दूसरे से अलग
Web Storiesचोर को मोर: एक मज़ेदार बाल कहानी - बाल कहानियाँ (children's stories) हमेशा से बच्चों को हँसाने, मनोरंजन करने और नैतिकता सिखाने का एक शानदार तरीका रही हैं।
"चोर को मोर"। यह कहानी नरेंद्र देवांगन की मूल कहानी से प्रेरित है, लेकिन इसे नए किरदारों, विस्तृत घटनाओं और मज़ेदार मोड़ के साथ परिवर्तित और लंबा किया गया है। तो चलिए, इस कहानी की सैर पर निकलते हैं!