बच्चों की कहानी- एक थी बुढ़िया
बच्चों की कहानी- एक थी बुढ़िया- यह कहानी एक बुढ़िया की है, जो गाँव में मीठे आम बेचती है। एक दिन मोनू और सोनू उससे आम खरीदते हैं। मोनू को आम मीठा लगता है, लेकिन वह सोनू को मज़ाक में खट्टा बता देता है।
बच्चों की कहानी- एक थी बुढ़िया- यह कहानी एक बुढ़िया की है, जो गाँव में मीठे आम बेचती है। एक दिन मोनू और सोनू उससे आम खरीदते हैं। मोनू को आम मीठा लगता है, लेकिन वह सोनू को मज़ाक में खट्टा बता देता है।
Web Stories: एक समय की बात है। एक बादशाह को अपने दरबार में एक कुशल कर्मचारी की आवश्यकता थी। इसके लिए उसने पूरे शहर में घोषणा करवाई कि जो भी व्यक्ति इस काम के लिए
Web Stories: गांव के पास एक छोटा-सा कस्बा था, जहां रामू नाम का एक साधारण लड़का रहता था। रामू गरीब था, लेकिन उसकी सबसे बड़ी खासियत थी उसकी ईमानदारी।
Web Stories: किसी गांव में एक गरीब ब्राह्मण रहता था। ब्राह्मण गरीब होते हुए भी सच्चा और इमानदार था। परमात्मा में आस्था रखने वाला था। वह रोज़ सवेरे उठ कर गंगा में नहाने
Web Stories: किसी गांव में धनीराम नाम का एक किसान रहता था। बह 50 बीघा जमीन का मालिक था। उसका एक खेत मुख्य सड़क के किनारे पर था। उस खेत की फसल की रखवाली वह स्वयं करता था।
Web Stories: बहुत पुरानी बात है। हमारे गांव में एक सज्जन रहते थे, नाम था उनका मुंशी सजधज लाल, जैसा नाम था, वैसा ही काम भी था, मुंशी जी घर से बाहर जब भी निकलते, तब रेशमी
Web Stories: पहले मेरी हल्दी-धनिया तथा अन्य मसालों की दुकान थी। हल्दी नाक में घुसती थी, मिर्च आंखों को जलाती रहती थी और मैं सदा दुखी रहता था। आमदनी भी कुछ खास नहीं थी।