Fun Story: स्मरण
देवर्षि नारद को अभिमान हो गया कि उनसे बड़ा भक्त त्रिलोक में कोई नहीं है। एक दिन वह भगवान विष्णु से पूछ बैठे, ‘भगवान, आपका सबसे बड़ा भक्त कौन है।’ भगवान नारद के मन की बात ताड़ गए।
देवर्षि नारद को अभिमान हो गया कि उनसे बड़ा भक्त त्रिलोक में कोई नहीं है। एक दिन वह भगवान विष्णु से पूछ बैठे, ‘भगवान, आपका सबसे बड़ा भक्त कौन है।’ भगवान नारद के मन की बात ताड़ गए।
वैसे तो इस दुनिया में लोग जिंदा रहने के लिए खाना खाते हैं, परंतु कुछ लोग ऐसे भी पाये जाते हैं जो खाने के लिए जिंदा रहते हैं। ऐसे लोगों में से एक हमारे सहपाठी पेटूनंद जी थे।
किसी गांव में एक लकड़हारा रहता था। वह बहुत ही गरीब था, परन्तु बहुत मेहतनी आदमी था। एक दिन जब वह पेड़ पर चढ़ कर लकड़ी काट रहा था, तब उसने मन में सोचा कि रोज़ पचास सौ रूपए की लकड़ी को बेचकर हमारा कुछ भी नहीं होता।
फ्लोरिडा (अमेरिका) की प्रसि़द्ध झील ओकीचोबी के आसपास दो उत्साही नवयुवक फिलिप व जोन्स दुर्लभ व कीमती जड़ी बूटियों की तलाश में इधर उधर भटक रहे थे। उनकी पीठ पर दो तीन थैले लटके हुए थे, जिनमें भारी सामान था।
हर वर्ष दशहरे से पूर्व काशी की नाटक मंडली विजयनगर आती थी। सामान्यतः वे राजा कृष्णदेव राय तथा विजयनगर की प्रजा के लिए रामलीला किया करते थे। परंतु एक बार राजा को सूचना मिली कि नाटक मंडली विजयनगर नहीं आ रही है।