Motivational Story: हिम्मत से बचाव
जब अरुण छोटा था, तो वह बहुत आलसी और कभी कभी डरता भी था। जब कभी नई चीजों की बात आती थी, तो अरुण सोचता ही रह जाता था। वह कुछ भी नए काम करने से पहले बहुत सावधानी बरतता था। कई चीजों को करने से अरुण बहुत डरता था।
जब अरुण छोटा था, तो वह बहुत आलसी और कभी कभी डरता भी था। जब कभी नई चीजों की बात आती थी, तो अरुण सोचता ही रह जाता था। वह कुछ भी नए काम करने से पहले बहुत सावधानी बरतता था। कई चीजों को करने से अरुण बहुत डरता था।
बहुत समय पहले की बात है, बहुत दूर एक बहुत सुंदर लड़की रहती थी जो बहुत नाजुक और प्यारी थी। उसके माता पिता ने उसे बढ़े प्यार से बड़ा किया था। जब वह नदी के किनारे बैठती थी, तो सभी चिढ़ियां और पक्षी उसके आसपास घूमते रहते थे।
एक लड़की थी, जिसका नाम था सोनिया। वह बहुत कम बोलती थी, लड़ाई-झगड़ा तो दूर की बात थी। वह अपनी कक्षा में अध्यापक से भी कोई प्रश्न नहीं करती थी। इसीलिए सभी उसे संकोची लड़की के नाम से जानते थे।
छोटा बबलू हिरन बड़ा डरपोक था, पेड़ के पत्ते हवा से हिलते तो भी वह डर के मारे उछलकर अपनी माँ की गोद में दुबक जाता। वह बाहर मित्रों के साथ खेलने भी नहीं जाता। वह कहता ‘‘ना बाबा ना, मैं घर के बाहर नहीं जाऊँगा।
एक चूहा था जिसका नाम मिंटू था। मिंटू की मूंछें इतनी लम्बी थीं कि चलते समय वह उसके पाँव से लिपट जाती थीं। इसलिए मिंटू अपनी मूंछों को सिर के पीछे बाँध लेता था। मिंटू के बाकी साथी उसकी मूंछें लंबी होने के कारण उसे हमेशा चिढ़ाते थे।
किसी गांव में एक लड़का रहता था, उसका नाम था केसर। वह बहुत ही आलसी था और मेहनत करने को पाप समझता था। इसलिए रात के समय में एक दो घरों में चोरी कर लेता था और जो कुछ हाथ लगता था उसी से अपना और अपने परिवार का पेट भर लिया करता था।
घर से बाहर निकाला हुआ भोला घोड़ा रोते-रोते कई मीलों तक चलते-चलते इस जंगल तक पहुँच गया था। भोला को देखकर जंगल के सारे प्राणी आश्चर्य चकित थे कि यह नया प्राणी कहाँ से आ टपका और यह इतना उदास क्यों हैं?