Fun Story: मूर्खश्रेष्ठ मैं नहीं तो कौन
Web Stories: होली का उत्साह था और विजयनगर के राजदरबारियों की उमंग का ठिकाना नहीं था क्योंकि राजा कृष्णदेव राय होली के दिन मूर्खश्रेष्ठ का पुरस्कार दिया करते थे। हर बार
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Web Stories: रामपुर के सेठ रामलाल, बहुत ही समझदार दानी व नेकदिल इन्सान थे। इस कारण गाँव के सभी लोग उनको चाहते थे। एक दिन, उनके एक दरबान ने आकर, उनको यह खबर दी
Web Stories: एक राजा ने राज्य में क्रूरता से बहुत दौलत इकट्ठा करके आबादी से बाहर जंगल में एक सुनसान जगह पर तहखाना बनवाकर उसमें छुपा दिया। खजाने की सिर्फ दो चाबियां थीं।
Web Stories: एक साधु थे, वह रोज घाट के किनारे बैठ कर चिल्लाया करते थे, “जो चाहोगे सो पाओगे, जो चाहोगे सो पाओगे”। बहुत से लोग वहाँ से गुजरते थे पर कोई भी उसकी बात पर
Web Stories: कॉलेज में आज बड़ी चहल पहल थी चारों तरफ हंगामा था, सब एक दूसरे से बढ़-चढ़ कर सज संवर कर आये थे। आते भी क्यों ना? आज के दिन का तो वह बहुत दिनों से इन्तजार
Web Stories: अमन एक नासमझ, छोटा बालक था। पढ़ाई में तेज तो शैतानी में भी आगे था। स्कूल से पढ़ाई खत्म होने के बाद वह अक्सर बाहर खेलने-कूदने जाया करता था। अमन का एक
Web Stories: एक कौवा एक वन में रहा करता था, उसे कोई कष्ट नहीं था और वह अपने जीवन से पूरी तरह संतुष्ट था। आजादी से जब चाहे, जहां चाहे, उड़ता फिरता था। एक दिन उड़ते हुए वह