Jungle story: चतुर बिल्ली
एक चिड़ा पेड़ पर घोंसला बनाकर मजे से रहता था। एक दिन वह दाना पानी के चक्कर में अच्छी फसल वाले खेत में पहुँच गया। वहाँ खाने पीने की मौज से बड़ा ही खुश हुआ। उस खुशी में रात को वह घर आना भी भूल गया।
एक चिड़ा पेड़ पर घोंसला बनाकर मजे से रहता था। एक दिन वह दाना पानी के चक्कर में अच्छी फसल वाले खेत में पहुँच गया। वहाँ खाने पीने की मौज से बड़ा ही खुश हुआ। उस खुशी में रात को वह घर आना भी भूल गया।
नदी किनारे एक विशाल पेड़ था। उस पेड़ पर बगुलों का बहुत बड़ा झुंड रहता था। उसी पेड़ के कोटर में काला नाग रहता था। जब अंडों से बच्चे निकल आते और जब वह कुछ बड़े होकर मां-बाप से दूर रहने लगते, तभी वह नाग उन्हें खा जाता था।
छोटा बबलू हिरन बड़ा डरपोक था, पेड़ के पत्ते हवा से हिलते तो भी वह डर के मारे उछलकर अपनी माँ की गोद में दुबक जाता। वह बाहर मित्रों के साथ खेलने भी नहीं जाता। वह कहता ‘‘ना बाबा ना, मैं घर के बाहर नहीं जाऊँगा।
एक चूहा था जिसका नाम मिंटू था। मिंटू की मूंछें इतनी लम्बी थीं कि चलते समय वह उसके पाँव से लिपट जाती थीं। इसलिए मिंटू अपनी मूंछों को सिर के पीछे बाँध लेता था। मिंटू के बाकी साथी उसकी मूंछें लंबी होने के कारण उसे हमेशा चिढ़ाते थे।
एक वन में हाथियों का एक झुंड रहता था। झुंड के सरदार को गजराज कहते थे। वो विशालकाय, लम्बी सूंड तथा लम्बे मोटे दांतों वाला था। खंभे के समान उसके मोटे मोटे पैर थे। जब वो चिंघाड़ता था तो सारा वन गूंज उठता था।