पपीता राम ई-कॉमिक्स: पपीता राम का पैकेज
कई दिनों से पपीता राम की मम्मी पपीता राम की कुछ गन्दी आदतों से बहुत परेशान थीं, जैसे बिना हाथ धुले खाना खाने की आदत, बहार से आकर बिना पैर धुले घर में अंदर आना और भी ऐसी कई आदतें पपीता राम में थीं।
कई दिनों से पपीता राम की मम्मी पपीता राम की कुछ गन्दी आदतों से बहुत परेशान थीं, जैसे बिना हाथ धुले खाना खाने की आदत, बहार से आकर बिना पैर धुले घर में अंदर आना और भी ऐसी कई आदतें पपीता राम में थीं।
चुनाव का माहौल चल रहा था, जगह जगह भावी नेताओं के भाषण समारोहों की गोष्ठियां हो रहीं थीं, जिनमें भीड़ भी काफी ज्यादा इकट्ठा हो रही थी। उस भीड़ की वजह से राहगीरों को भी काफी दिक्कतें हो रहीं थीं।
होली की सुबह थी, पूरे नटखट नगर में होली का हो-हल्ला हो रहा था। टीटा की आँखें भी किसी टोली के हल्ले से ही खुली थी। जैसे ही वो उठा उसने सबसे पहले घड़ी में टाइम देखा और जल्दी जल्दी होली खेलने के लिए तैयार हो गया।
एक दिन की बात है पपीता राम कहीं से घूम कर घर में आता है और अपनी मम्मी को आवाज़ लगाता है 'मम्मी ओ मम्मी कहाँ हो'। पपीता राम की आवाज़ सुनकर उसकी मम्मी किचन में से आवाज़ देती हैं की बताओ क्या हुआ?
एक अप्रैल का दिन था, सभी बच्चे अपने दोस्तों को अप्रैल फूल बनाने का कोई न कोई तरीका ढूंढ रहे थे। मिन्नी सुबह सुबह बाहर निकली और अभी वो कुछ दूर ही गयी थी की तभी उसे इक्की दिखाई दी।
एक दिन मोटू और पतलू बाहर घूम रहे थे तभी उनको बहुत सारे लोग लड्डू ले जाते हुए दिखाई दिए। मोटू लड्डू देख कर पतलू से पूछता है की भाई ये लोग इतने सारे लड्डू लेकर कहाँ जा रहे हैं।
मार्च का महीना चल रहा था, होली का त्योहार भी आने वाला था, जगह-जगह मेले और प्रदर्शिनी लगे हुए थे। मोटू और पतलू दोनों सोच रहे थे की इस बार फुरफुरी नगर में कोई भी मेला या प्रदर्शिनी नहीं लगी है।