Fun Story : मोहित का चतुराई भरा प्लान
सूरज स्कूल का सबसे बड़ा खेलकूद का मैदान था, जहाँ हर दिन बच्चे मस्ती करते थे। कक्षा 5 का मोहित अपनी चालाकी और मजेदार हरकतों के लिए मशहूर था। उसकी सबसे अच्छी दोस्त पिया थी
सूरज स्कूल का सबसे बड़ा खेलकूद का मैदान था, जहाँ हर दिन बच्चे मस्ती करते थे। कक्षा 5 का मोहित अपनी चालाकी और मजेदार हरकतों के लिए मशहूर था। उसकी सबसे अच्छी दोस्त पिया थी
रोहन टीवी पर कुकिंग शो देख रहा होता है। उसकी माँ किचन में खाना बना रही होती है। अरे! ये तो आसान है, मैं भी माँ की मदद कर सकता हूँ, रोहन किचन में आता है और अपनी माँ के पास खड़ा हो जाता है।
प्राचीन काल में यज्ञदत्त नामक एक वेद ब्राहमण थे। उन्होंने अपने ज्ञान और प्रतिभा से पर्याप्त सम्पत्ति भी अर्जित की थी। उसकी पत्नी भी सुन्दर, सुशील तथा सुशिक्षित थी। उनके एक पुत्र था गुणनिधी।
मई की पच्चीस तारीख, शाम के पांच बजे पिद्दी पहलवान यानी पदमश्री लाल अपने परम मित्र हलवाई पुराणमल की दुकान पर आकर बैठ गये। अभी-अभी वे धन्नूमल के अखाड़े से कुश्तियां देख कर आ रहे थे।
केवल चेहरा देखकर चरित्र बताने का दावा करने वाला एक ज्योतिषी जब यूनान के जाने माने दार्शनिक सुकरात के सामने पहुंचा तो वह अपने शिष्यों की मंडली जमाकर बैठे थे।
भईया लाल एक डरपोक किस्म के व्यक्ति थे। भूत-प्रेत, जादू-टोना, बस इन्ही को लेकर वह अक्सर परेशान रहते थे। क्योंकि बचपन से ही वह एक ऐसे माहौल में रहे थे जहां पर हमेशा ऐसी अन्धविश्वासी बातों का जिक्र चल जाया करता था।
प्रीतमपुर में एक जाट रहता था। साधारण नहीं बल्कि जिसके बारे में कहा जाता था, "दूसरों को मूर्ख बनाओ, और मौज उड़ाओ"। उस जाट को सब गंगू कह कर पुकारते थे। एक बार गंगू को एक बैल की आवश्यकता पड़ गई।