Fun Story: सम्राट पेटू नंद
वैसे तो इस दुनिया में लोग जिंदा रहने के लिए खाना खाते हैं, परंतु कुछ लोग ऐसे भी पाये जाते हैं जो खाने के लिए जिंदा रहते हैं। ऐसे लोगों में से एक हमारे सहपाठी पेटूनंद जी थे।
वैसे तो इस दुनिया में लोग जिंदा रहने के लिए खाना खाते हैं, परंतु कुछ लोग ऐसे भी पाये जाते हैं जो खाने के लिए जिंदा रहते हैं। ऐसे लोगों में से एक हमारे सहपाठी पेटूनंद जी थे।
किसी गांव में एक लकड़हारा रहता था। वह बहुत ही गरीब था, परन्तु बहुत मेहतनी आदमी था। एक दिन जब वह पेड़ पर चढ़ कर लकड़ी काट रहा था, तब उसने मन में सोचा कि रोज़ पचास सौ रूपए की लकड़ी को बेचकर हमारा कुछ भी नहीं होता।
फ्लोरिडा (अमेरिका) की प्रसि़द्ध झील ओकीचोबी के आसपास दो उत्साही नवयुवक फिलिप व जोन्स दुर्लभ व कीमती जड़ी बूटियों की तलाश में इधर उधर भटक रहे थे। उनकी पीठ पर दो तीन थैले लटके हुए थे, जिनमें भारी सामान था।
एक शहर में दो चोर रहते थे। छोटी-मोटी चोरी करके अपना गुज़ारा चलाते थे। वे दोनों बचपन के दोस्त थे? साथ साथ रहते थे खेलते कूदते थे। जब बड़े हुए तो उन दोनों का ध्यान चोरी की तरफ गया।
हर वर्ष दशहरे से पूर्व काशी की नाटक मंडली विजयनगर आती थी। सामान्यतः वे राजा कृष्णदेव राय तथा विजयनगर की प्रजा के लिए रामलीला किया करते थे। परंतु एक बार राजा को सूचना मिली कि नाटक मंडली विजयनगर नहीं आ रही है।
शैल और शीला के नाम मिलते-जुलते से थे। इसलिए नहीं की उनकी राशि एक थी बल्कि इसलिए कि वे जुड़वा थे उनमें अन्य भाई बहनों की तरह झगड़े नहीं होते थे। वे अच्छे दोस्तों की तरह रहते थे।
राजा चंद्रपाल सिंह राज दरबार में चिंतित बैठे थे। राज्य में चोरी-डकैती का नामोनिशान तक नहीं था। लेकिन इधर कुछ दिनों से उन्हें राज्य में बराबर चोरी होने की खबरें मिल रही थीं।