Fun Story: जब बीरबल बच्चा बना
एक दिन बीरबल दरबार में देर से पहुँचा। जब बादशाह ने देरी का कारण पूछा तो वह बोला, ‘‘मैं क्या करता हुजूर! मेरे बच्चे आज जोर-जोर से रोकर कहने लगे कि दरबार में न जाऊं।
एक दिन बीरबल दरबार में देर से पहुँचा। जब बादशाह ने देरी का कारण पूछा तो वह बोला, ‘‘मैं क्या करता हुजूर! मेरे बच्चे आज जोर-जोर से रोकर कहने लगे कि दरबार में न जाऊं।
एक बार देव शर्मा नाम का एक साधु हुआ करता था, जो शहर से दूर एक मंदिर में रहता था। वह लोगों के बीच काफी चर्चित और सम्मानित भी था। लोग उपहार, खाद्य सामग्री और पैसे लेकर उनसे मिलने और उनका आर्शीवाद लेने आते थे।
विजया दशमी पर रावण फूंकने के साथ ही बच्चों का मूड ‘धांय धूं’ वाला हो जाता है और वे धमाकेदार पटाखों के साथ-साथ महताबी अनार की रंगीन कल्पनाओं में विचरते दीपावली के पर्व की प्रतीक्षा करने लगते हैं।
छत्रपति शिवाजी के शासनकाल की घटना है। मुगल बादशाह औरंगजेब से उनकी बनती नहीं थी। औरंगजेब हरदम इस ताक में रहता था कि किसी प्रकार शिवाजी को कैद कर लूँ।