Motu Patlu E-Comics: मोटू पतलू और गणेश चतुर्थी
एक दिन मोटू और पतलू बाहर घूम रहे थे तभी उनको बहुत सारे लोग लड्डू ले जाते हुए दिखाई दिए। मोटू लड्डू देख कर पतलू से पूछता है की भाई ये लोग इतने सारे लड्डू लेकर कहाँ जा रहे हैं।
एक दिन मोटू और पतलू बाहर घूम रहे थे तभी उनको बहुत सारे लोग लड्डू ले जाते हुए दिखाई दिए। मोटू लड्डू देख कर पतलू से पूछता है की भाई ये लोग इतने सारे लड्डू लेकर कहाँ जा रहे हैं।
संडे का दिन था, नीटू सुबह से जल्दी जल्दी अपने सारे काम खत्म कर रहा था। रोबो ने नीटू को देखकर पूछा की क्या हुआ नीटू आज बहुत जल्दी जल्दी सारे काम कर दिए तुमने?
होली आने वाली थी और डॉ. डेविल अपनी लेबोरेटरी में बहुत दिनों से किसी प्रयोग में जुटा हुआ था। होली से एक दिन पहले डॉ. डेविल अपने असिस्टेंट को बुलाता है और बोलता है की इस डमी पर ये मेरा बनाया हुआ रंग और गुलाल डालो।
रोज़ की तरह शेख चिल्ली और उसके दोस्त सुबह सुबह सैर करने निकलते हैं। खटकू बुलबुल की पीठ पर बैठा हुआ था, तभी बुलबुल रास्ते में पड़े नीबू और मिर्च को देखकर अचानक से रुक जाता है।
साल का पहला दिन था नीटू अपने घर में छुट्टी का मज़ा ले रहा था। तभी टीटा भी नीटू के घर आ जाता है और आते ही सबको हैप्पी नई ईयर विश करता है और नीटू से पूछता है की इस साल क्या नया करोगे नीटू?
मार्च का महीना चल रहा था, होली का त्योहार भी आने वाला था, जगह-जगह मेले और प्रदर्शिनी लगे हुए थे। मोटू और पतलू दोनों सोच रहे थे की इस बार फुरफुरी नगर में कोई भी मेला या प्रदर्शिनी नहीं लगी है।
एक जनवरी का दिन था नीटू, रोबो और टीटा के साथ नए साल का प्लान बना रहा था। तभी डॉ. डेविल वहां आ जाता है और नीटू से बोलता है की भाई नीटू नए साल में दुश्मनी को ख़त्म करते हैं और दोस्ती कर लेते हैं।