क्रिसमस पर कहानी : इंसानियत की नई सीख
Web Stories ये कहानी एक छोटे से फिर ट्री की है, जो बड़े क्रिसमस ट्री होने का सपना देखता है। बड़े क्रिसमस ट्री बहुत ही अनुभवी होते हैं और उन्होंने जीवन को बहुत करीब से
Web Stories ये कहानी एक छोटे से फिर ट्री की है, जो बड़े क्रिसमस ट्री होने का सपना देखता है। बड़े क्रिसमस ट्री बहुत ही अनुभवी होते हैं और उन्होंने जीवन को बहुत करीब से
ये कहानी एक छोटे से फिर ट्री की है, जो बड़े क्रिसमस ट्री होने का सपना देखता है। बड़े क्रिसमस ट्री बहुत ही अनुभवी होते हैं और उन्होंने जीवन को बहुत करीब से देखा होता है। वे जानते हैं कि बड़ा होना मुश्किल है।
बरसात का मौसम आने वाला था। आसमान में बादल उमड़-घुमड़ रहे थे, और हवा में नमी बढ़ गई थी। एक नन्ही चिड़िया, जो अपने बच्चों के साथ नदी किनारे एक सुरक्षित आश्रय ढूंढ रही थी, वह पेड़ों की ओर जा पहुँची।
शहर में हरिदत्त नाम का एक ब्राह्मण रहता था। वह एक फार्म चलाता था। वह बहुत मेहनती था, लेकिन इतनी मेहनत के बाद भी उसे फार्म से पूरा उत्पादन नहीं मिलता था।
एक पिता अपने काम से घर देर से पहुंचे। वह बहुत थके हुए और चिड़चिड़े हो रहे थे। जब वह घर पहुंचे तो उनका पांच साल का बेटा दरवाजे पर खड़ा उनका इंतजार कर रहा था।
सिंहपुर के राजा का नाम मूलदेव था। वे बहुत योग्य और प्रतापी राजा थे। कालांतर में उन्होंने वीरपुर राज्य को भी जीत लिया। अब वे दो राज्यों के महाराज थे। मूलदेव के 2 बेटे थे।
अमन एक नासमझ, छोटा बालक था। पढ़ाई में तेज तो शैतानी में भी आगे था। स्कूल से पढ़ाई खत्म होने के बाद वह अक्सर बाहर खेलने-कूदने जाया करता था। अमन का एक बड़ा भाई भी था, जिसका नाम आकाश था।