Fun Story: मूर्ख राजा और चतुर मंत्री
एक समय की बात है दियत्स नाम की नगरी एक नदी किनारे बसी हुई थी। वहां का राजा बहुत ही मूर्ख और सनकी था। एक दिन राजा अपने मंत्री के साथ संध्या के समय नदी के किनारे टहल रहा था। तभी उसने मंत्री से पूछा।
एक समय की बात है दियत्स नाम की नगरी एक नदी किनारे बसी हुई थी। वहां का राजा बहुत ही मूर्ख और सनकी था। एक दिन राजा अपने मंत्री के साथ संध्या के समय नदी के किनारे टहल रहा था। तभी उसने मंत्री से पूछा।
पुराने समय में सीढ़ीदार कुएं को बावड़ियां कहा जाता था। इन्हें भारत पर राज करने वाले राजाओं ने बनवाया था। राजाओं में कुछ बावड़ियों का निर्माण रानियों के लिए और कुछ बावड़ियों का निर्माण प्रजा के लिए किया था।
एक जंगल मे एक शेर रहता था। उसी जंगल में एक सूअर का परिवार भी रहता था। सूअर का परिवार अपने खाली समय में जंगल में बने एक तालाब के कीचड़ में लोट पोट होता रहता था। सूअर के बच्चे तालाब के कीचड़ में उछल कूद करते रहते थे।
एक विशाल पेड़ था। उस पर बहुत सारे हंस रहते थे। उनमें एक बुद्धिमान और दूरदर्शी हंस था। उन्हें सभी आदरपूर्वक ‘ताऊ’ कहकर बुलाते थे। पेड़ के तने पर जड़ के निकट नीचे लिपटी हुई एक बेल को देखकर ताऊने कहा।
एक बार एक पिता-पुत्र एक घोड़ा लेकर जा रहे थे। पुत्र ने पिता से कहा ‘‘आप घोड़े पर बैठें, मैं पैदल चलता हूं"। पिता घोडे़ पर बैठ गया। मार्ग से जाते समय लोग कहने लगे, ‘‘बाप निर्दयी है। पुत्र को धूप में चला रहा है।
एक दिन चेलाराम एक घर के सामने खड़े होकर घंटी बजाने की कोशिश कर रहे थे, मगर वो घंटी उनकी पहुँच से काफी दूर थी। जिसकी वजह से वो बार बार कूद कूद कर उसको बजाने की कोशिश कर रहे थे।