Jungle story: चतुर बिल्ली
एक चिड़ा पेड़ पर घोंसला बनाकर मजे से रहता था। एक दिन वह दाना पानी के चक्कर में अच्छी फसल वाले खेत में पहुँच गया। वहाँ खाने पीने की मौज से बड़ा ही खुश हुआ। उस खुशी में रात को वह घर आना भी भूल गया।
एक चिड़ा पेड़ पर घोंसला बनाकर मजे से रहता था। एक दिन वह दाना पानी के चक्कर में अच्छी फसल वाले खेत में पहुँच गया। वहाँ खाने पीने की मौज से बड़ा ही खुश हुआ। उस खुशी में रात को वह घर आना भी भूल गया।
बनारस में एक बड़े धनवान सेठ रहते थे। वह विष्णु भगवान के परम भक्त थे और हमेशा सच बोला करते थे। एक बार जब भगवान सेठ जी की प्रशंसा कर रहे थे तभी माँ लक्ष्मी ने कहा, ”स्वामी, आप इस सेठ की इतनी प्रशंसा किया करते हैं।
एक बार की बात है, घने जंगल में एक उन्मत्त हाथी ने भारी उत्पात मचा रखा था। वह अपनी ताकत के नशे में चूर होने के कारण किसी को कुछ नहीं समझता था। एक पेड़ पर एक चिड़िया व चिड़े का छोटा-सा सुखी संसार था।
एक खूबसूरत गांव था, चारों ओर पहाड़ियों से घिरा हुआ। पहाड़ी के पीछे एक शेर रहता था। जब भी वह ऊंचाई पर चढ़कर गरजता था तो गांव वाले डर के मारे कांपने लगते थे। कड़ाके की ठंड का समय था।
मुंशी प्रेम चंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को बनारस के पास मौजा लमही में हुआ था। उनका वास्तविक नाम धनपत राय था और घर पर उन्हें नवाब राय कहा जाता था। इसी नाम से उन्होंने अपने साहित्यिक जीवन की शुरुआत की।
बड़े आकार का भूरे रंग का पहाड़ी गिद्ध पूरे हिमालय में पाया जाता है। नीचे से देखने में यह हल्का खाकी लगता है और इसके पंखों के पिछले किनारे और दुम का रंग काला होता है। आकाश में उड़ते समय यह वायुयान की तरह दिखलाई पड़ता है।
रसगुल्ले का इंवेंशन बंगाल में हुआ या ओडिशा में, इसको लेकर पुरानी बहस है। लेकिन बंगाल के लोग नाॅबिन चन्द्र दास को ही ‘रसगुल्ले का जनक’ कहते हैं। ओडिशा में इस मिठाई को पहाला के नाम से बनाया जाता है।