हिंदी जंगल कहानी: मेहनत और किस्मत
दीपावली के चार दिन रह गए थे लोटपोट के सभी बच्चों में उत्साह था। सबको अपने अपने घर से आतिशबाजी खरीदने के लिए पैसे मिल चुके थे। वीनू और टीनू को भी।
दीपावली के चार दिन रह गए थे लोटपोट के सभी बच्चों में उत्साह था। सबको अपने अपने घर से आतिशबाजी खरीदने के लिए पैसे मिल चुके थे। वीनू और टीनू को भी।
अरी सुन! किसान ने पत्नी को पुकारा और बाल्टी में चूना घोलने लगा। पत्नी आवाज़ सुनकर आ गयी और किसान के कामों में सहयोग करने लगी। उसकी दो बेटियां भी थीं- फूलमती और वीरमती!
एक दिन पतलू डॉ. झटका के पहुँचता है और उसको बताता है कि झटके मेरे हांथों में ताकत नहीं रह गयी है, मैं कोई भी भारी सामान उठा नहीं पा रहा हूँ। पतलू की बात सुनकर डॉ. झटका पतलू को समझाता है।
प्रिय नन्हे पाठकों नीचे दिया गया चित्र बिना रंगों के काफी सूना लग रहा है, आप सभी को इस चित्र का प्रिंटआउट निकलवाना है और फिर इस चित्र में अपने पसंद के रंगों को भरना है।
उस दिन की दोपहर झामू (घर का नौकर) के लिए काफी व्यस्त थी क्योंकि वो पूरा दिन मूर्ति के पीछे भागता रहा। मूर्ति बड़ा ही शरारती बच्चा था और वो कभी किसी का कहा नहीं मानता था।
बगदाद देश का एक बादशाह साफ सफाई पसन्द करता था। उसको गन्दगी तनिक भी न सुहाती थी। एक दिन उसने अपने मुख्यमंत्री से कहा- "मंत्री जी! मैं आप को बड़ा बुद्धिमान समझता हूं।